26.1 C
Jaipur
Monday, July 14, 2025

‘प्रतिबंधात्मक’ व्यापारिक कदमों से बचने की जरूरत: विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा

News‘प्रतिबंधात्मक’ व्यापारिक कदमों से बचने की जरूरत: विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा

बीजिंग, 14 जुलाई (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ व्यापक वार्ता के दौरान कहा कि पिछले नौ महीनों में द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में हुई ‘अच्छी प्रगति’ के बाद भारत और चीन को अब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने पर ध्यान देना चाहिए।

बैठक में अपने प्रारंभिक भाषण में जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध इस आधार पर ‘सकारात्मक प्रक्षेप पथ’ पर उत्तरोत्तर बढ़ सकते हैं कि भारत और चीन के बीच मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष का रूप लेना चाहिए।

विदेश मंत्री जयशंकर ने ‘प्रतिबंधात्मक’ व्यापारिक कदमों और ‘बाधाओं’ से बचने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उनका स्पष्ट इशारा चीन द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर रोक लगाने से था।

दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह वार्ता जयशंकर के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचने के कुछ घंटों बाद हुई।

जयशंकर ने कहा, ‘‘ हमारे द्विपक्षीय संबंध में इस बात की जरूरत है कि हम अपने संबंधों के सिलसिले में दूरदर्शी पहल करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अक्टूबर 2024 में कजान में हमारे नेताओं की बैठक के बाद से, भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमारी ज़िम्मेदारी इस गति को बनाए रखने की है।’’

जयशंकर 23 अक्टूबर को कजान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच हुई बैठक का जिक्र कर रहे थे, जिसमें गलवान घाटी में हुई झड़पों से प्रभावित द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए दोनों पक्षों के बीच विभिन्न वार्ता प्रणालियों को बहाल करने का निर्णय लिया गया था।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पिछले नौ महीने में काफी प्रगति की है। यह सीमा पर तनाव के समाधान और शांति बनाये रखने की हमारी क्षमता का परिणाम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह पारस्परिक रणनीतिक विश्वास और द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू विकास का मूलभूत आधार है। अब यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम तनाव कम करने समेत सीमा से जुड़े अन्य पहलुओं पर भी ध्यान दें।’’

जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में, भारत-चीन संबंधों के कई पहलू और आयाम हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोगों के बीच आदान-प्रदान को सामान्य बनाने की दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से परस्पर लाभकारी सहयोग को बढ़ावा दे सकते हैं। इस संदर्भ में यह भी आवश्यक है कि प्रतिबंधात्मक व्यापारिक कदमों और बाधाओं से बचा जाए। मुझे उम्मीद है कि इन मुद्दों पर और विस्तार से चर्चा होगी।’’

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध न केवल दोनों पक्षों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लाभकारी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर संबंधों को संभालने से ही संभव है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहले भी हमारे बीच इस बात पर सहमति बन चुकी है कि मतभेद विवाद में नहीं बदलना चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष का रूप लेना चाहिए। इसी आधार पर, हम अब अपने संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ा सकते हैं।’’

भाषा

राजकुमार मनीषा

मनीषा

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles