26.1 C
Jaipur
Monday, July 14, 2025

लोगों को विरासत को संरक्षित करना चाहिए: शिवाजी के किलों को यूनेस्को के सम्मान पर बोले फडणवीस

Newsलोगों को विरासत को संरक्षित करना चाहिए: शिवाजी के किलों को यूनेस्को के सम्मान पर बोले फडणवीस

मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया जाना एक ऐतिहासिक क्षण है और नागरिकों को वीरता तथा संस्कृति की इस विरासत को संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए।

यूनेस्को ने शुक्रवार को ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया, जिनमें महाराष्ट्र का साल्हेर किला, शिवनेरी, लोहागढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग तथा तमिलनाडु का जिंजी किला शामिल हैं।

‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ 12 किलों और दुर्गों की एक व्यवस्था है जो 17वीं-19वीं शताब्दी में मराठा शासकों की असाधारण सैन्य प्रणाली एवं रणनीति का प्रतिनिधित्व करती है।

फडणवीस ने विधानसभा में एक बयान में, इस घटनाक्रम को “राज्य और देश के लिए अत्यंत गौरव का क्षण” बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नागरिकों को वीरता और संस्कृति की विरासत को संरक्षित करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि ये किले शिवाजी महाराज की वीरता, सामरिक सैन्य कौशल और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं।

फडणवीस ने कहा, ‘‘शिवाजी महाराज ने राजस्व संग्रह और क्षेत्रीय नियंत्रण से लेकर जन-केंद्रित स्वराज्य की स्थापना तक, किलों के पारंपरिक उपयोग में क्रांति ला दी। यूनेस्को समिति ने इसे ‘उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य’ के एक अद्वितीय योगदान के रूप में मान्यता दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूनेस्को की मान्यता के लिए भारत द्वारा प्रस्तुत सात प्रस्तावों में से इस नामांकन को खुद ही चुना।’’

उन्होंने कहा कि ‘भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य’ का तकनीकी मूल्यांकन दक्षिण कोरिया के एक विशेषज्ञ द्वारा किया गया था, जिन्होंने महाराष्ट्र और तमिलनाडु में नामांकित स्थलों का दौरा किया था।

यह प्रस्ताव जुलाई 2024 में नयी दिल्ली में आयोजित यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में प्रस्तुत किया गया था, जिसमें महाराष्ट्र के विशेषज्ञों ने विचार-विमर्श में भाग लिया था।

इस वर्ष 11 जुलाई को यूनेस्को की सांस्कृतिक समिति की एक अंतरराष्ट्रीय बैठक के दौरान अंतिम निर्णय लिया गया, जहां मतदान करने वाले सभी 20 देशों ने सर्वसम्मति से नामांकन को मंजूरी दी।

फडणवीस ने विदेश मंत्रालय, भारतीय राजदूतों और अन्य देशों के राजनयिक प्रतिनिधियों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, साथ ही राज्य के सांस्कृतिक मामलों के विभाग के अंतर्गत पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय को भी धन्यवाद दिया, जिसने प्रस्ताव तैयार किया।

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles