नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) विमानन विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले मानवीय भूल के कारण ईंधन स्विच बंद हो गए थे।
उन्होंने यह भी कहा कि इस दुर्घटना को लेकर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में और अधिक पारदर्शिता होनी चाहिए थी।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पायलट संघों ने 12 जून को उड़ान संख्या ‘एआई-171’ दुर्घटना में पायलट की संभावित गलती की अटकलों पर चिंता जताई है। इस हादसे में 260 लोग मारे गए थे।
भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) ने रविवार को कहा था कि विमान के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया और पायलटों को अनुमान के आधार पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।
पहले पायलट प्रशिक्षक रहे रंगनाथन ने एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पहला ईंधन स्विच फेल हो गया और एक सेकंड बाद ही विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले दूसरा ईंधन स्विच भी फेल हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘बिजली की खराबी के कारण स्विच पीछे नहीं हटते। स्विच पीछे नहीं खिसकता और उसे स्लॉट से बाहर निकालना पड़ता है, फिर उसे रन या कटऑफ स्थिति में ले जाना पड़ता है… यह स्वत: नहीं होता, इसे मैनुअल रूप से करना पड़ता है।’’
रंगनाथन ने दावा किया, ‘‘यह एक मानवीय भूल है।’’
एएआईबी ने बोइंग 787-8 दुर्घटना को लेकर शनिवार को जारी अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि विमान के दोनों इंजन की ईंधन आपूर्ति एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई, जिससे उड़ान भरने के तुरंत बाद कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कॉकपिट की वॉयस रिकॉर्डिंग में, एक पायलट दूसरे से पूछता सुनाई देता है कि उसने ईंधन क्यों बंद किया। दूसरे पायलट ने जवाब दिया कि उसने ऐसा नहीं किया।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी नहीं होगी, रंगनाथन ने कहा कि एएआईबी ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर से बुनियादी डेटा नहीं दिया है और जब कोई कहता है कि “यह जल्दबाजी है, तो आपको पता होना चाहिए कि इंजन के ईंधन स्विच अपने आप नहीं हटते। उन्हें खुद से चुनना पड़ता है।’’
विमान में यांत्रिक या सॉफ्टवेयर संबंधी समस्याओं की संभावना के बारे में पूछे जाने पर रंगनाथन ने कहा कि अमेरिकी एनटीएसबी (राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड), बोइंग, जीई और अन्य के प्रतिनिधि जांच में शामिल थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई यांत्रिक या सॉफ्टवेयर संबंधी समस्या होती, तो आपातकालीन अलर्ट जारी किया जाता, जबकि ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया, इसलिए यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कोई यांत्रिक या सॉफ्टवेयर संबंधी समस्या नहीं है।
उन्होंने रिपोर्ट में और अधिक पारदर्शिता की आवश्यकता जताते हुए दावा किया कि एएआईबी ने इसे विभिन्न प्रकार की व्याख्याओं के लिए खुला छोड़ दिया है।
रंगनाथन ने कहा, ‘‘हमें यह तक नहीं पता कि कॉकपिट में बाकी बातचीत क्या थी जब इंजन फेल हुए, जब ईंधन स्विच (बंद हुआ)…, टेकऑफ का महत्वपूर्ण हिस्सा, (ऐसे मौके पर) उन्होंने (पायलटों ने) क्या कार्रवाई की, क्या बातचीत (हुई) और (किस तरह के) अलार्म बज रहे थे, ये चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं (लेकिन) ऐसा कुछ भी नहीं है।’’
एअर इंडिया के ‘नैरो-बॉडी पायलट्स’ का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आईसीपीए ने रविवार को कहा कि वह मीडिया और सार्वजनिक चर्चा के कुछ हिस्सों में उभर रहे काल्पनिक आख्यानों, खासकर पायलट द्वारा आत्महत्या के बेतुके और निराधार आरोपों से, बेहद परेशान है।
इसने एक बयान में कहा, ‘‘इस समय इस तरह के दावे का कोई आधार नहीं है और अधूरी या प्रारंभिक जानकारी के आधार पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि इसमें शामिल व्यक्तियों और परिवारों के प्रति बेहद असंवेदनशीलता भी है।’’
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने शनिवार को कहा कि एअर इंडिया विमान दुर्घटना में पायलट की भूमिका के बारे में किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए, और अंतिम जांच रिपोर्ट तैयार करने से पहले कई बातों पर गौर करने की जरूरत है।
भाषा सुरेश प्रशांत
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