नयी दिल्ली, 14 जून (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन ने सोमवार को आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान बड़ी संख्या में ‘‘विदेशी नागरिकों’’ का पता चलने जैसी खबरें गढ़कर वास्तविकता छिपाने की कोशिश कर रहा है।
पार्टी महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एक बयान में यह दावा भी किया कि बिहार से मिली जमीनी रिपोर्ट से पता चलता है कि कई घरों में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) का कोई दौरा नहीं हुआ है और अधिकांश मतदाताओं के पास कोई पावती रसीद या रिकॉर्ड भी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब बिहार में लाखों मतदाता मताधिकार से वंचित होने और अपनी नागरिकता पर खतरे से जूझ रहे हैं, तो आयोग के ‘सूत्र’ बिहार में बीएलओ द्वारा बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों की खोज करने की खबरें फैलाने में व्यस्त हैं।’’
भट्टाचार्य ने दावा किया कि पत्रकारों को सच्ची तस्वीर बताने वाले बीएलओ को निलंबित किया जा रहा है और कम से कम एक बीएलओ कथित तौर पर काम के दबाव में गिर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि एक प्रखंड विकास अधिकारी (बीडीओ) ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग वास्तविकता छिपाने और एसआईआर प्रक्रिया के लिए बेतुका बहाना बनाने की कोशिश कर रहा है।
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