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Monday, July 14, 2025

शिवसेना (उबाठा) सांसद चतुर्वेदी ने एएआईबी रिपोर्ट के जारी होने के तरीके पर सवाल उठाए

Newsशिवसेना (उबाठा) सांसद चतुर्वेदी ने एएआईबी रिपोर्ट के जारी होने के तरीके पर सवाल उठाए

मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू को पत्र लिखकर सवाल किया कि अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना से संबंधित ‘‘संवेदनशील जानकारी’’ भारत में आधिकारिक खुलासे से पहले ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ‘‘लीक’’ कैसे हो गई।

चतुर्वेदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘क्योंकि एआई171 दुर्घटना से संबंधित विमर्श और इसकी अंतरिम रिपोर्ट के संबंध में जो कुछ हो रहा है, उस पर कोई मूकदर्शक नहीं रह सकता, इसलिए मैं उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिख रही हूं।’’

उन्होंने पत्र की एक प्रति भी साझा की।

चतुर्वेदी ने लिखा, ‘‘मैं आपको विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा हाल ही में जारी अंतरिम जांच रिपोर्ट को जिस तरह से लिया गया और प्रसारित किया गया, उसके बारे में गंभीर चिंता व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं, विशेष रूप से भारत में रिपोर्ट के आधिकारिक रूप से सार्वजनिक होने से पहले अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों में मीडिया रिपोर्ट सामने आने के आलोक में।’’

उन्होंने लिखा कि यह बेहद परेशान करने वाली बात है कि एएआईबी रिपोर्ट के संवेदनशील विवरण विदेशी समाचार एजेंसियों को उपलब्ध हो गए और भारत में आधिकारिक रूप से जारी होने से पहले ये ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ जैसे मीडिया प्रतिष्ठान ने प्रकाशित कर दिए।

चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘इससे यह सवाल उठता है कि भारतीय जनता और संबंधित हितधारकों तक जारी होने से पहले विदेशी संस्थाओं को रिपोर्ट की विषय-वस्तु कैसे प्राप्त हुई। इस तरह का उल्लंघन न केवल हमारे विमानन सुरक्षा संस्थानों की विश्वसनीयता को कमजोर करता है, बल्कि सूचना सुरक्षा और प्रोटोकॉल में गंभीर चूक को भी दर्शाता है।’’

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अंतरिम रिपोर्ट के चुनिंदा तरीके से लीक होने और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से मृत पायलटों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निंदनीय हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रसारण, प्रिंट और डिजिटल मंच के माध्यम से इस तरह की प्रेरित अटकलें हमारे पायलटों को बदनाम करने का एक अधिक भयावह प्रयास दर्शाती हैं, जो अपना मामला रखने के लिए जीवित नहीं हैं, यहां तक कि पायलट एसोसिएशन ने भी अपनी आपत्तियां जताई हैं।’’

सांसद ने कहा कि बिना किसी सार्वजनिक ब्रीफिंग और बिना हस्ताक्षरित अंतरिम निष्कर्षों के रिपोर्ट को देर रात में चुपचाप जारी कर दिया गया तथा इसके जारी होने की प्रक्रिया पर कोई स्पष्टता नहीं दी गई।

उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण मामले में पारदर्शिता की कमी से वैध चिंताएं उत्पन्न होती हैं कि किसके हितों की पूर्ति हो रही है और क्या उचित प्रक्रिया का पालन किया गया है।

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

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