नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने सोमवार को कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) खासकर खेती उम्मीद के मुताबिक नहीं होने की स्थिति में गांवों में बेरोजगारी और संकटपूर्ण प्रवास के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार है।
पेम्मासानी ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मंत्रालय की निष्पादन समीक्षा समिति की पहली बैठक में विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों और हितधारकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस योजना ने टिकाऊ एवं उपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण किया है।
मंत्री ने कहा कि एक ‘विकसित गांव’ जहां हर परिवार के पास बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का घर हो, हर गांव गुणवत्तापूर्ण सड़कों से जुड़ा हो, हर ग्रामीण युवा के पास रोजगार के अवसर हों और हर महिला सशक्त एवं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो, यह कोई दूर का सपना नहीं, बल्कि एक ऐसी वास्तविकता है, जिसे हासिल किया जा सकता है।
पेम्मासानी ने मनरेगा के बारे में कहा कि यह ‘‘खासकर उम्मीद के अनुसार खेती नहीं होने की स्थिति में ग्रामीण बेरोजगारी और संकटग्रस्त प्रवास के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार है।’’
उन्होंने कहा कि इस योजना के परिणामस्वरूप कृषि तालाब, चेकडैम, सिंचाई नहरें, पौधारोपण, आगनवाड़ी, ग्रामीण सड़कों जैसी टिकाऊ और उपयोगी संपत्तियां बनी हैं।
पेम्मासानी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के बारे में बताया कि जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे ग्रामीण परिवारों के लिए इसके आरंभ के बाद से 3.22 करोड़ से अधिक पक्के घर बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि परिवार वृद्धि और ग्रामीण जनसंख्या विस्तार के कारण बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हाल में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से 2029 तक दो करोड़ अतिरिक्त मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के बारे में कहा कि अब तक 7.56 लाख किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है और देश भर में 1.83 लाख से अधिक पात्र बस्तियों को सभी मौसमों में संपर्क सुविधा प्रदान की गई है।
भाषा सिम्मी दिलीप
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