नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) भारत के नेतृत्व को एक विकास रणनीति लागू करने तथा देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए सभी जरूरी प्रतिभाओं को जुटाने की जरूरत है।
एक नयी पुस्तक ‘एवरीथिंग ऑल एट वन्स: इंडिया एंड द सिक्स सिमल्टेनियस ग्लोबल ट्रांजिशन्स’ में यह बात कही गई। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार और ईशान जोशी ने मिलकर यह किताब लिखी है।
किताब दुनिया को नया आकार दे रहे उन बड़े बदलावों पर एक सामयिक और विचारोत्तेजक नजरिया देती है, जिनका भारत की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है।
किताब में कहा गया, ‘‘भारत के नेतृत्व को एक ऐसी विकास रणनीति तैयार करने और उसे लागू करने के लिए सभी जरूरी प्रतिभाओं और संसाधनों को जुटाना होगा, जो इन विविध चुनौतियों का नयी सोच के साथ सामना कर सके।’’
किताब में लिखा है कि वैश्विक आर्थिक वृद्धि के इतिहास में पहले कभी भी देशों को अपने विकास एजेंडा को आगे बढ़ाते हुए इतनी बड़ी चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा था।
इसके मुताबिक, भारत का दीर्घकालिक वृद्धि लक्ष्य अपनी युवा आबादी की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करना होना चाहिए, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने व्यापक रूप से ‘विकसित भारत’ के रूप में व्यक्त किया है।
भाषा पाण्डेय अजय
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