ईटानगर, 14 जुलाई (भाषा) पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ईटानगर इकाई ने फर्जी खबरों के प्रसार पर बढ़ती चिंताओं के बीच सोमवार को अपनी ‘वार्तालाप’ श्रृंखला के तहत एक संवाद सत्र का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का विषय ‘गलत सूचना और दुष्प्रचार से निपटने में मीडिया की भूमिका’ थी।
गलत सूचना से निपटने और जनता के विश्वास को बनाए रखने में मीडिया की जिम्मेदारी पर विचार-विमर्श किए जाने के मकसद से इस कार्यक्रम में मीडिया पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को एक साथ लाया गया।
केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के उप निदेशक उत्सव परमार ने एक सक्रिय मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र का आह्वान किया जो स्पष्टता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़े।
उन्होंने जनता तक सत्यापित जानकारी पहुंचाने में पत्रकारों और पीआईबी के बीच मजबूत साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।
पीआईबी (एनईआर) के अतिरिक्त महानिदेशक कृपा शंकर यादव ने तेजी से विकसित हो रहे मीडिया परिदृश्य का उल्लेख किया और दोहराया कि यद्यपि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इसका प्रयोग जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘एक पत्रकार के पास गलत सूचना के खिलाफ लड़ने के लिए सही ज्ञान और उपकरण होने चाहिए।’’
यादव ने कहा कि वार्तालाप जैसी पहल सरकार और मीडिया बिरादरी के बीच एक सेतु का काम करती है।
उन्होंने पत्रकारों के लिए सरकारी की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
अरुणाचल प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क (आईपीआर) सचिव न्याली एटे ने शासन और सार्वजनिक धारणा के लिए गलत सूचना से उत्पन्न खतरों के बारे में चेतावनी दी।
पत्रकार टोंगम रीना ने विश्वसनीय स्रोत और संस्थागत तथ्य-जांच के मूल्य पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यों की जांच एक शक्तिशाली उपकरण है, लेकिन दीर्घावधि में जनता का विश्वास बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।’’
आईपीआर निदेशक गिजुम ताली ने कहा कि संकट और संघर्ष की स्थिति के दौरान गलत सूचनाओं का प्रसार बढ़ जाता है।
‘वार्तालाप’ श्रृंखला सरकारी संचार मंच और मीडिया पेशेवरों के बीच संबंधों को मजबूत करने, गलत सूचना के खिलाफ लड़ाई में सूचित सार्वजनिक संवाद और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीआईबी के जारी प्रयास का हिस्सा है।
भाषा यासिर संतोष
संतोष