मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) विमानन नियामक डीजीसीए ने सोमवार को एयरलाइन कंपनियों से अपने बोइंग 787 और 737 विमानों में ‘फ्यूल स्विच लॉकिंग’ प्रणाली की जांच करने को कहा।
यह कदम एयर इंडिया के बोइंग 787 विमान की दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के कुछ दिन बाद आया है। जांच रिपोर्ट में पाया गया था कि पिछले महीने हुई दुर्घटना से ठीक पहले स्विच बंद कर दिए गए थे।
अमेरिकी नियामक संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने 2018 में 787 और 737 सहित बोइंग विमानों के कुछ मॉडल में ईंधन नियंत्रण करने वाली ‘स्विच लॉकिंग’ सुविधा में खराबी की आशंका का संकेत किया था।
एफएए के विशेष उड़ान पात्रता सूचना बुलेटिन (एसएआईबी) में इसका उल्लेख किया गया था। हालांकि, इसमें कोई ऐसा संकेत नहीं था, जिससे यह मुद्दा सुरक्षा संबंधी चिंता का विषय लगे।
डीजीसीए ने सोमवार को कहा कि उसके संज्ञान में आया है कि कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू परिचालकों ने एफएए के विमानों की उड़ान भरने की पात्रता के हिसाब से अपने विमान बेड़े का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
नियामक ने कहा, ‘‘प्रभावित विमान का परिचालन करने वाली सभी एयरलाइन कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे 21 जुलाई, 2025 से पहले निरीक्षण पूरा कर लें। निरीक्षण पूरा होने के बाद निरीक्षण योजना और रिपोर्ट संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के साथ ही इस कार्यालय को दी जाएगी।”
ईंधन नियंत्रण स्विच विमान के इंजन में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
भारतीय विमानन कंपनियां 150 से अधिक बोइंग 737 और 787 विमानों का संचालन करती हैं। इनमें एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, अकासा एयर और स्पाइसजेट शामिल हैं।
हवाई दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर शनिवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इस दुर्घटना में करीब 260 लोग मारे गए थे।
एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एयर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में बंद हो गए थे जिससे वह तुरंत ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
पंद्रह पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया, तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।
‘इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन’ (आईसीपीए) ने रविवार को कहा कि पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त एआई171 उड़ान के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया तथा पायलटों को अटकलों के आधार पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।
एयर इंडिया समूह ने अपने बोइंग 787 और 737 विमानों में ‘फ्यूल स्विच लॉकिंग’ प्रणाली की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों ने बताया कि एयर इंडिया के आधे से ज्यादा बोइंग 787 विमानों में लॉकिंग प्रणाली की जांच पूरी हो चुकी है। बोइंग 737 विमानों की जांच लगभग पूरी हो चुकी है।
टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के पास कुल 33 बोइंग 787 विमान हैं, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस के पास लगभग 75 बोइंग 737 विमान हैं। सूत्रों ने बताया कि समूह ने एहतियात के तौर पर स्वैच्छिक रूप से यह कार्रवाई शुरू की है।
अकासा एयर और स्पाइसजेट बोइंग 737 विमानों का संचालन करती हैं। इंडिगो बोइंग 787 और 737 विमानों का भी संचालन करती है, लेकिन ये विमान विदेशी एयरलाइन कंपनियों से पट्टे पर लिए गए हैं, जिसका अर्थ है कि ये डीजीसीए के निर्देशों के अधीन नहीं होंगे।
एएआईबी की रिपोर्ट के आधार पर वैश्विक स्तर पर एतिहाद एयरवेज सहित कुछ एयरलाइन ने अपने बोइंग 787 विमानों में ‘फ्यूल स्विच लॉकिंग’ प्रणाली की जांच शुरू की है।
भाषा पाण्डेय अजय
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