महराजगंज (उप्र), 14 जुलाई (भाषा) सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने, आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा करने के लिये सोमवार को भारत-नेपाल सीमा पार संयुक्त सुरक्षा समन्वय समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश के महराजगंज और सिद्धार्थ नगर जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस वर्चुअल बैठक में भाग लिया। इसमें नेपाल की ओर से रूपनदेही, कपिलवस्तु और नवलपराशी जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने बताया कि बैठक में सीमा पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने, सीमा चिह्नों को मजबूत करने, ‘नो-मैन्स लैंड’ के सौंदर्यीकरण, मानव तस्करी, मादक पदार्थ, शराब, उर्वरक और अन्य वस्तुओं की तस्करी जैसी समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। ‘नो-मैन्स लैंड’ दो देशों के बीच उस क्षेत्र को कहते हैं जिस पर किसी का स्वामित्व नहीं होता।
महराजगंज के जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने के साथ-साथ वैध व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने बैठक के दौरान अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए सीमावर्ती गांवों में सत्यापन अभियान चलाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि श्रावण मास के मद्देनजर कांवड़ यात्रा और अन्य धार्मिक अवसरों पर नेपाल की सीमा के अंदर आने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था करने की अपील की गई।
जिलाधिकारी ने महाव नाले की सफाई, तटबंधों की सुरक्षा और नदियों के जलस्तर की नियमित जानकारी की जरूरत समेत कई चीजों जोर दिया ताकि बाढ़ जैसी आपदाओं से समय रहते निपटा जा सके।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने कहा कि नेपाल प्रशासन सीमा पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सीमा पर संयुक्त गश्त और निगरानी बढ़ाएगा। उन्होंने नेपाल प्रशासन से भारत द्वारा साझा की गई वांछित अपराधियों की सूची पर आवश्यक कार्रवाई करने का भी आग्रह किया।
बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने सीमा पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने, तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण और संवेदनशील सूचनाओं के पारस्परिक आदान-प्रदान पर सहमति व्यक्त की।
मीणा ने बताया कि भविष्य में नियमित रूप से ऐसी बैठकें आयोजित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
भाषा सं. सलीम रवि कांत संतोष
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