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Tuesday, July 15, 2025

तीन दूरसंचार उपक्रमों की अतिरिक्त अचल संपत्तियों के मौद्रीकरण का प्रस्ताव

Newsतीन दूरसंचार उपक्रमों की अतिरिक्त अचल संपत्तियों के मौद्रीकरण का प्रस्ताव

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) एक उच्चस्तरीय समिति ने दूरसंचार क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के पास मौजूद अतिरिक्त भूमि और भवनों को नीलामी के बगैर केंद्र सरकार के संगठनों को हस्तांतरित करने को रूपरेखा तैयार की है।

इनमें भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) और आईटीआई लिमिटेड की संपत्तियां शामिल हैं।

इस प्रस्ताव को सचिवों की समिति की जून में हुई बैठक में मंजूरी दी गई थी। बैठक में यह भी तय किया गया था कि ऐसी किसी भी संपत्ति का अधिग्रहण करने के इच्छुक किसी भी केंद्र सरकार के संगठन को निर्धारित अनुमोदन और सांकेतिक मूल्य का दो प्रतिशत बयाना राशि जमा कर अपनी दिलचस्पी जतानी होगी।

यह प्रक्रिया संपत्ति मौद्रीकरण वाली वेबसाइट पर संपत्ति की अधिसूचना जारी होने के 90 दिन के भीतर पूरी की जानी है।

केंद्र सरकार के संगठनों के पास पहले इनकार करने का अधिकार होगा। हालांकि, अधिसूचना के 90 दिन के बाद बीएसएनल, एमटीएनएल और आईटीआई किसी गैर-सरकारी खरीदार को संपत्ति बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे।

दूरसंचार सचिव नीरज मित्तल ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को भेजे एक पत्र में कहा, ‘‘सरकारी नीति के अनुरूप दूरसंचार विभाग के सार्वजनिक उपक्रमों की अतिरिक्त भूमि एवं भवन संपत्तियों का मौद्रीकरण किया जा रहा है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की 12 जून, 2025 को हुई बैठक में तय किया गया कि बीएसएनएल, एमटीएनएल, आईटीआई अपनी अचल संपत्तियां बिना नीलामी के केंद्र सरकार या केंद्र सरकार के संगठनों को हस्तांतरित कर सकती हैं।’’

दूरसंचार विभाग ने मंत्रालयों से अपने विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों को इस फैसले से अवगत कराने का आग्रह करते हुए कहा कि ‘यदि वे संपत्ति लेना चाहते हैं तो उन्हें समयबद्ध कार्रवाई शुरू करनी होगी।’

इन परिसंपत्तियों का हस्तांतरण निर्दिष्ट मूल्यांकन एजेंसियों द्वारा निर्धारित बाजार मूल्य या सर्किल रेट/मार्गदर्शन मूल्य या रेडी रेकनर दर, जो भी अधिक हो, पर होगा।

एमटीएनएल, बीएसएनएल, आईटीआई 10 करोड़ रुपये तक के मूल्य वाली संपत्तियों के लिए मूल्यांकन एजेंसियां होंगी जबकि 10 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये के बीच के लिए यह काम सीपीडब्ल्यूडी करेगी। मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक होने पर राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम मूल्यांकन करेगा।

चार जुलाई के इस पत्र में कहा गया है कि एक ही संपत्ति में कई सरकारी एजेंसियों के दिलचस्पी दिखाने की स्थिति में केंद्र सरकार के संगठनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

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