हैदराबाद, 14 जुलाई (भाषा) तेलंगाना में पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता के खिलाफ कांग्रेस के निलंबित विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) तीनमार मल्लन्ना की ओर से की गई कथित अपमाजनक टिप्पणियों पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की स्पष्ट चुप्पी और सत्तारूढ़ कांग्रेस की तीखी आलोचना ने तेलंगाना के राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं छेड़ दी हैं।
रविवार को तनाव उस समय बढ़ गया, जब मल्लन्ना के निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) ने एमएलसी कविता की अगुवाई वाली तेलंगाना जागृति से जुड़े उन प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं, जिन्होंने यहां मेडिपल्ली स्थित उनके (मलन्ना के) कार्यालय पर ‘हमला’ किया था।
पुलिस ने बताया कि तेलंगाना जागृति के कार्यकर्ताओं ने कविता के खिलाफ की गई कुछ ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के विरोध में मल्लन्ना के कार्यालय पर कथित तौर पर हमला किया।
यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी ने मल्लन्ना की टिप्पणियों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी, कविता ने सोमवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘आपको उन लोगों (बीआरएस) से पूछना चाहिए। आप मुझसे कैसे पूछ सकते हैं? प्रतिक्रिया देना या न देना उन पर निर्भर करता है।’
मल्लन्ना की टिप्पणियों की बीआरएस की कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने तीखी आलोचना की है।
बीआरएस नेता कविता के खिलाफ मल्लन्ना की टिप्पणी की निंदा करते हुए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने रविवार को एक बयान में कहा कि महिलाओं का सम्मान करना भारतीय परंपरा का हिस्सा है।
हालांकि, गौड़ ने मल्लन्ना के कार्यालय पर कथित हमले को ‘गैरकानूनी’ बताया। उन्होंने कहा कि सभी को कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।
टीपीसीसी प्रमुख ने कहा कि मल्लन्ना के कार्यालय पर हमले और गोलीबारी से जुड़ी शिकायतों की कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार जांच की जा रही है।
परिवहन मंत्री पोन्नल प्रभाकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं का बहुत सम्मान करती है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ये टिप्पणियां निंदनीय हैं और ऐसे हमले भी अवांछनीय हैं।
इस बीच, बीआरएस के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि पार्टी नेतृत्व और कविता के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं।
उन्होंने कहा, ‘शायद पार्टी को लगता है कि मल्लन्ना की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है।’
बीआरएस के भीतर आंतरिक कलह के संकेत कुछ महीने पहले तब मिले थे, जब कविता ने अपने पिता और पार्टी अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव को लिखे पत्र के लीक होने पर आपत्ति जताई थी।
कविता ने आरोप लगाया था कि पार्टी में साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा था, ‘केसीआर एक ऐसे भगवान की तरह हैं, जो कुछ शैतानों से घिरे हुए हैं।’
वह अपने संगठन तेलंगाना जागृति के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन भी कर रही हैं।
भाषा पारुल माधव
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