मुंबई, 14 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस हर जिले में महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक की प्रतियां जलाएगी क्योंकि इसके पीछे की मंशा भयावह है।
यह विधेयक बृहस्पतिवार को विधानसभा और शुक्रवार को विधान परिषद द्वारा पारित कर दिया गया। राज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
सपकाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार का यह दावा कि इसे ‘शहरी नक्सलवाद’ को खत्म करने के लिए पेश किया गया है, पूरी तरह हास्यास्पद है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने रविवार को कहा था, ‘यह नया कानून हमें शहरी नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने में मदद करेगा।’
फडणवीस ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा था कि विधेयक के खिलाफ बोलने वाले लोग ‘एक तरह से वामपंथी चरमपंथ की विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।’
राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सपकाल ने कहा, ‘यह कानून दमनकारी है और आम लोगों को दबाने के लिए है। इसीलिए कांग्रेस ने शुरू से ही इसका विरोध किया था। सत्तारूढ़ दल द्वारा विधानसभा में अपने बहुमत का उपयोग करके विधेयक पारित करने के बावजूद, कांग्रेस का विरोध मजबूत है और हर जिले में इस काले कानून का प्रतीकात्मक दहन किया जाएगा।’
उन्होंने इस बात का कोई ब्यौरा नहीं दिया कि यह विरोध कार्यक्रम कब चलाया जाएगा।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘इस विधेयक के पीछे की मंशा ही भयावह है। इसका फ़ायदा सिर्फ़ सरकार और उसका समर्थन करने वाले उद्योगपतियों को होगा। जिन लोगों ने धारावी में ज़मीन हड़पी है, सुरजागढ़ (गढ़चिरौली) में खनिज संसाधनों को लूटा है और जो शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे कॉरिडोर तक रेड कार्पेट की सुविधा चाहते हैं, उन्हें ही फ़ायदा होगा।’
सपकाल ने आगे दावा किया कि दूसरी ओर, गढ़चिरौली में पर्यावरणविद और आदिवासी, धारावी के निवासी और शक्तिपीठ परियोजना का विरोध करने वाले किसान, यदि वे प्रदर्शन करेंगे, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा और उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘अंतर्निहित संदेश स्पष्ट है। या तो सरकार की प्रशंसा करें या चुप रहें। यदि आप विरोध में अपनी आवाज उठाते हैं, तो विशेष जन सुरक्षा अधिनियम का हथौड़ा आपको चुप कराने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। क्या संवैधानिक मूल्यों का समर्थन करना या शिवाजी, शाहू, फुले और आंबेडकर के विचारों का प्रसार करना नक्सलवाद है? क्या महात्मा गांधी और तुकडोजी महाराज की विचारधाराओं को बढ़ावा देना नक्सलवाद है?’
डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे और एमएम कलबुर्गी जैसे तर्कवादियों और प्रगतिशील विचारकों की हत्याओं का जिक्र करते हुए सपकाल ने कहा कि ‘उन हत्याओं के पीछे जो ताकतें थीं, वही ताकतें संभाजी ब्रिगेड के प्रवीण गायकवाड़ पर हमले के पीछे भी हैं।’
पुलिस के अनुसार, रविवार को सोलापुर जिले के अक्कलकोट गांव में गायकवाड़ के साथ कथित तौर पर एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने धक्कामुक्की की और उन पर स्याही फेंकी।
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नोमान माधव
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