ठाणे, 14 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले के शाहपुर स्थित एक स्कूल में मासिक धर्म की जांच के लिए छात्राओं के कपड़े उतरवाने पर हुए विवाद के बाद बंद हुए विद्यालय में मंगलवार को फिर से कक्षाएं शुरू होंगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों के अनुसार, स्कूल के शौचालय में आठ जुलाई को खून के धब्बे पाए जाने के बाद एक महिला कर्मचारी ने छात्राओं की जांच की थी। इस घटना से गुस्साए अभिभावकों के प्रदर्शन और सोशल मीडिया पर तीखी आलोचनाओं के कारण पुलिस ने इस संबंध में अगले दिन मामला दर्ज किया, जिसके बाद प्रधानाचार्य और कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया।
यह स्कूल नौ जुलाई से बंद था।
शाहपुर के तहसीलदार परमेश्वर कासुले ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आज एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें अभिभावकों ने कहा कि इस घटना के कारण छात्रों की शिक्षा प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इसमें अभिभावकों के अलावा न्यासी, पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारी, निर्वाचित प्रतिनिधि भी शामिल हुए। स्कूल के लगभग 600 छात्रों में से 400 के अभिभावक इस बैठक में शामिल हुए थे।’’
उन्होंने बताया कि प्रबंधन द्वारा नये प्रधानाचार्य को नियुक्त किए जाने और एक महीने के भीतर नये कर्मचारियों की नियुक्ति किए जाने की घोषणा करने के बाद कक्षाओं को मंगलवार को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन ने पीटीए और न्यासियों के बीच हर तीन महीने में बैठक आयोजित करने तथा शिकायत पेटी लगाने पर सहमति जताई है।
ठाणे जिला परिषद के शिक्षा अधिकारी बालासाहेब रक्शे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘स्कूल में मंगलवार से कक्षाएं फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया। शिक्षा विभाग के तालुका स्तर के अधिकारी इसकी निगरानी करेंगे। अभिभावकों को बिना किसी झिझक या संकोच के अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए।’’
पुलिस ने इस घटना के बाद आठ लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 76 (महिला के कपड़े उतरवाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) तथा बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भाषा
प्रीति प्रशांत
प्रशांत