नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत का दौर तेजी से चल रहा है।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण पर अगले दौर की वार्ता के लिए भारतीय दल वाशिंगटन पहुंच गया है।
गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बातचीत बहुत तेज रफ्तार और आपसी सहयोग की भावना से चल रही है ताकि हम अमेरिका के साथ ऐसा व्यापार समझौता कर सकें जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो।’’
इस बीच, वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने एक अलग कार्यक्रम में कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौतों पर बातचीत का दौर जारी है।
बर्थवाल ने कहा कि भारत द्वारा किए जा रहे मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) देश में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) को बढ़ावा देने के प्रमुख प्रयासों में से एक हैं।
उन्होंने यहां ‘सीआईआई जीसीसी व्यवसाय सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘ब्रिटेन के साथ एफटीए की घोषणा हाल ही में (छह मई को) की गई है। यूरोपीय संघ के साथ बातचीत चल रही है और अमेरिका के साथ इसपर चर्चाएं जारी हैं।’’
भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। दोनों देशों का लक्ष्य इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है।
इसी तरह, भारत और यूरोपीय संघ भी एफटीए को अंतिम रूप देने को लेकर बातचीत कर रहे हैं।
भारत और 27 देशों के यूरोपीय संघ ने आठ वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद जून, 2022 में एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते, एक निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेतकों (जीआई) पर एक समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू की थी।
भारत और यूरोपीय संघ इस वर्ष के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने का लक्ष्य बना रहे हैं।
वाणिज्य सचिव ने कहा कि आज के व्यापार समझौते पारंपरिक मुक्त व्यापार समझौतों से अलग हैं क्योंकि वे पारंपरिक व्यापार तक ही सीमित होते थे।
उन्होंने कहा कि नए समझौते कई व्यापार समझौतों का एक अधिक जटिल समूह हैं जिनमें सेवाएं भी शामिल हैं।
अब इन समझौतों में नियमों और मानकों में सामंजस्य स्थापित करने और कोई विवाद होने की स्थिति में उसके समाधान के लिए एक संस्थागत तंत्र का भी प्रावधान होता है।
बर्थवाल ने कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के लिए ये महत्वपूर्ण पहलू हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक एफटीए नवाचार गलियारे का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे भारत में जीसीसी की राह सुगम होगी।
उन्होंने कहा कि नए व्यापार समझौतों में कई मुद्दों के समाहित होने की वजह से इन समझौतों पर बातचीत की प्रक्रिया पूरी होने में समय लग रहा है।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते में नवाचार पर भी एक अध्याय शामिल किया गया है, जो पहले नहीं था। इस समझौते की घोषणा छह मई को हुई थी लेकिन अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
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