नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार का 11 साल का शासन स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि इसने भारत के लोगों के जीवन के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विकास किया है।
गैर सरकारी संगठन भारत विकास परिषद के 63वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी संघर्ष के विकास और भारत की विरासत को एक साथ बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी भारत में हो रहे बदलाव पर चर्चा होगी, इतिहासकार प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के 11 वर्षों को स्वर्ण अक्षरों में लिखेंगे।’’
शाह ने कहा, ‘‘इन वर्षों में, 55 करोड़ से अधिक ऐसे परिवारों को बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हुई, जिनके पास बैंक खाता भी नहीं था। 15 करोड़ से अधिक लोगों को स्वच्छ पेयजल मिला और 12 करोड़ से अधिक घरों में शौचालय बनाए गए।’’
गृह मंत्री ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से देश को क्या लाभ होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘शायद वे यह बात नहीं समझेंगे, लेकिन मोदी ने राम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित किया है, साथ ही देश में 5जी तकनीक लेकर आए हैं और डिजिटल भुगतान प्रणाली को इतने व्यापक स्तर पर फैलाया है कि सब्जी विक्रेता भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं।’’
शाह ने कहा कि जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक गरीब परिवार से मुलाकात की तो परिवार की एक महिला ने उन्हें बताया कि आठ पीढ़ियों के बाद आखिरकार उनके घर में शौचालय का निर्माण हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘गरीब लोगों के लिए यह बहुत बड़ी बात है जिसे बहुत से लोग नहीं समझ पाएंगे।’’
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करके जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद के अभिशाप से मुक्त करने का अपना संकल्प पूरा किया है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम लाकर लाखों शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की गई है।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आज देश नक्सलवाद से मुक्त होने के कगार पर है। इसके साथ ही, सहकारिता मंत्रालय की स्थापना करके छोटे किसानों और ग्रामीण गरीबों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।’’
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक ओर काशी (वाराणसी), उज्जैन, करतारपुर कॉरिडोर और शारदा पीठ जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का विकास किया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने आईआईएम, आईआईटी और एम्स की संख्या भी बढ़ाई है।
उन्होंने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाषा में शिक्षण पर जोर देती है, साथ ही भारत को कृत्रिम बुद्धिमत्ता और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार करती है।
शाह ने कहा कि योग को वैश्विक मान्यता दी गई है और भारत ने इसके साथ ही हरित हाइड्रोजन, ड्रोन प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को भी अपनाया है, जो नवाचार में देश की प्रगति को दर्शाता है और साथ ही इसकी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा भी करता है।
भारत विकास परिषद की गतिविधियों की सराहना करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यदि कोई सेवाभावी संस्था 63 वर्षों तक निरंतर संचालित होती है तो उसके पीछे अनेक लोगों का त्याग और समर्पण निहित होता है।
उन्होंने कहा कि जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तो परिषद और भी अधिक उत्साह के साथ योगदान देती रहेगी।
इस अवसर पर मणिपुर के स्वतंत्रता सेनानी नीलमणि सिंह को सम्मानित करने के लिए परिषद की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि 1944 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आह्वान से प्रेरित होकर सिंह आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए और 3000 रुपये की अपनी पूरी बचत नेताजी को दान कर दी।
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय यह राशि काफी बड़ी मानी जाती थी। 1946 में जेल से रिहा होने और मोइरांग (मणिपुर) लौटने के बाद, उन्होंने समाज सेवा, शिक्षा और सहकारिता को अपने जीवन का संकल्प बना लिया और अथक परिश्रम किया।’’
मणिपुर की यात्रा के अपने अनुभव को साझा करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ युवाओं से मुलाकात की जो हिंदी में कुशलता से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पूछा, आप इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोल लेते हैं? उन्होंने जवाब दिया कि यह नीलमणि सिंह की वजह से संभव हुआ है।’’
शाह ने कहा, ‘‘नीलमणि जी ने अपना पूरा जीवन भाषाई एकता के लिए समर्पित कर दिया।’’
भाषा नेत्रपाल माधव
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