देहरादून, 14 जुलाई (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले वर्ष राज्य में होने वाली नंदा राजजात यात्रा के लिए सोमवार को आमंत्रित किया तथा केंद्र से 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने का अनुरोध किया ताकि यात्रा के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
धामी ने नयी दिल्ली में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को अगस्त 2026 में होने वाली नंदा राजजात यात्रा के लिए आमंत्रित किया तथा कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से इसके लिए 400 करोड़ रुपये की राशि केंद्र द्वारा उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया ।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की भांति हरिद्वार गंगा गलियारा, ऋषिकेश गंगा गलियारा तथा चंपावत में शारदा गलियारा के मास्टर प्लान के अनुरूप बुनियादी सुविधाएं विकसित करने के लिए सीएसआर (कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी) के माध्यम से वित्तपोषण के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि वह उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कंडक्टर के केंद्र के रूप में विकसित करने लिए उद्योग लगाए जाने, दिल्ली एवं मेरठ के मध्य क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (रिजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम) को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर एवं ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल करने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दें।
मुख्यमंत्री ने 2027 में हरिद्वार में होने वाले कुंभ का उल्लेख करते हुए पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन एवं श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग विकसित करने सहित अन्य कार्यों के लिए 3,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया ।
उन्होंने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में विद्युत लाइन को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा भेजी गई 1,015 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को उसके पुराने स्वरूप में लाने के लिए प्रयासरत है जिसके लिए धन की व्यवस्था भी कर ली गई है। उन्होंने इस प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोङ़ने के लिए प्रथम चरण में पिंडर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया है।
धामी ने कहा कि हिम आधारित पिंडर नदी के पानी को अगर वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती एवं गरुड़ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोड़ा एवं नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग दो लाख की आबादी को पेयजल एवं सिंचाई का लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही गरुड़, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोड़ा नगरों की लगभग सवा लाख की आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से भारत सरकार के कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।
धामी ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा तथा हरिद्वार में होने वाले कुंभ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
मोदी ने धामी को उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफी टेबल बुक के साथ ही उत्तराखंड के उत्पाद-कनार का घी, लाल चावल, बासमती चावल, काला जीरा और स्थानीय शहद भेंट किये ।
भाषा दीप्ति सिम्मी
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