नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) अत्याधुनिक हथियारों और अत्याधुनिक संवेदी उपकरणों एवं ‘प्लेटफॉर्म’ प्रबंधन प्रणालियों से लैस ‘प्रोजेक्ट 17ए स्टील्थ फ्रिगेट महेंद्रगिरि’ का अंतिम जहाज फरवरी 2026 तक भारतीय नौसेना को सौंपे जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
परियोजना पी17ए (नीलगिरि श्रेणी) के प्रथम स्टील्थ जंगी जहाज – नीलगिरि – का जनवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में मुम्बई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में जलावतरण किया गया था।
दूसरा युद्धपोत उदयगिरि एक जुलाई को नौसेना को सौंपा गया। इसका निर्माण ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल)’ में किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ये बहु-मिशन फ्रिगेट जहाज भारत के समुद्री हितों के क्षेत्र में ‘पारंपरिक और गैर-पारंपरिक, दोनों तरह के खतरों से निपटने में सक्षम हैं तथा ‘ब्लू वाटर’ वातावरण संचालन के लायक हैं।
मंत्रालय ने सोमवार को मुंबई स्थित एमडीएल में बन रहे महेंद्रगिरि का एक वीडियो साझा किया।
उसने ‘एक्स’ पर एक वीडियो डालते हुए लिखा, ‘‘महेंद्रगिरि, प्रोजेक्ट 17A का सातवां और सबसे उन्नत जंगी जहाज (नीलगिरि श्रेणी) है, जो फरवरी 2026 में सौंपा जाएगा। यह भारत की नौसैनिक विरासत और भविष्य को प्रदर्शित करता है। शिवालिक श्रेणी का अनुवर्ती, इसमें बेहतर स्टील्थ, अत्याधुनिक हथियार, सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियां हैं – जो आत्मनिर्भर भारत का एक सच्चा प्रतीक है।’’
रिकॉर्ड किए गए वीडियो में, ‘मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स’ के अतिरिक्त महाप्रबंधक, जय वर्गीस ने कहा कि यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की शक्ति को ‘कई गुणा’ बढ़ा देगा।
भाषा
राजकुमार माधव दिलीप
दिलीप