भोपाल, 14 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद एवं विधानसभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है और सदन की विभिन्न समितियों का इसलिए गठन किया गया है क्योंकि सत्रों के दौरान (सरकार की) बारीकी से निगरानी सुनिश्चित करना विधायिका के लिए संभव नहीं है।
तोमर ने ‘समिति प्रणाली’ की समीक्षा के लिए गठित पीठासीन अधिकारियों की समिति की पहली बैठक में यह कहा। इस बैठक का आयोजन मध्यप्रदेश विधानसभा ने किया था। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘संसद या विधानसभा के सत्रों के दौरान (सरकार पर) जिस तरह की करीबी निगरानी की जरूरत है, वह संभव नहीं है। इसलिए समितियों के गठन की व्यवस्था शुरू की गई।’’
समिति प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित पीठासीन अधिकारियों की समिति की यह पहली बैठक थी।
तोमर ने कहा कि संसद में भी विभिन्न समितियां बनाई जाती हैं, जिनमें बजट पर चर्चा होती है और सुझाव दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा, ‘इसी तरह विधानसभाओं में भी समितियों की व्यवस्था है और वे भी ठीक से काम कर रही हैं। मध्यप्रदेश में चार वित्तीय समितियां हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति और जनजाति और पिछड़ा वर्ग के लिए दो समितियां हैं। इन छह समितियों के लिए निर्वाचन होता है। बाकी 16 समितियों के सदस्य सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों की सहमति से अध्यक्ष मनोनीत करते हैं।’’
तोमर ने कहा कि ये समितियां विधानसभा द्वारा दिए गए निर्देशों, सरकार द्वारा विधानसभा में दिए गए आश्वासनों, प्रश्नों के अधूरे उत्तरों, सदस्यों की सुविधा से संबंधित मामलों और अन्य जनोपयोगी मामलों पर सिफारिशें और रिपोर्ट देती हैं।
उन्होंने कहा, ‘समितियां विधायी, वित्तीय और प्रशासनिक क्षेत्रों में विधायिका की कार्यपालिका को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।’
तोमर ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग एवं विकसित भारत की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को देखते हुए आवश्यक है कि समितियों की भूमिका, उनकी दक्षता और उपयोगिता बढ़ाने पर विचार किया जाए।
बैठक में उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, राजस्थान के वासुदेव देवनानी, हिमाचल प्रदेश के कुलदीप सिंह पठानिया, सिक्किम के मिंगमा नोरबू शेरपा, ओडिशा के सुरमा पाधी और पश्चिम बंगाल के बिमान बनर्जी के साथ ही इन राज्यों के मुख्य सचिव और विधानमंडल के अन्य अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में विधानसभाओं की समिति को मजबूत करने और लोक कल्याण में इसकी भूमिका बढ़ाने पर विचार किया गया। उपस्थित लोगों ने अपने सुझाव दिए और इस विषय पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने समिति की बैठक की रूपरेखा प्रस्तुत की और सचिव अरविंद शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
एक अधिकारी ने बताया कि इस अवसर पर प्रतिभागियों ने विधानसभा परिसर में पौधारोपण भी किया।
भाषा ब्रजेन्द्र सिम्मी
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