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Tuesday, July 15, 2025

कांग्रेस आलाकमान का झारखंड में मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद, संगठन की मजबूती पर जोर

Newsकांग्रेस आलाकमान का झारखंड में मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद, संगठन की मजबूती पर जोर

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को यहां झारखंड के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की जिसमें प्रदेश में पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने समेत राज्य से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने कांग्रेस कोटे के मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संवाद के अभाव का उल्लेख किया, जिस पर खरगे और राहुल गांधी ने भी सहमति जताई कि मंत्रियों को राज्य के हित के साथ ही पार्टी एवं कार्यकर्ताओं का ख्याल करना चाहिए।

हेमंत सोरेन वाली सरकार में कांग्रेस कोटे से चार मंत्री राधाकृष्ण किशोर, इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह और शिल्पी नेहा टिर्की शामिल हैं।

कांग्रेस राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।

बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पार्टी की झारखंड इकाई के प्रभारी के. राजू भी उपस्थित थे।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राज्य में संगठन को मजबूत करने और लोगों के मुद्दों को हल करने तथा नीतियों को जन-उन्मुख बनाने में मदद की अपील की।

बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि ज्यादातर लोगों की यह राय थी कि मंत्रियों का पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ उचित संवाद नहीं है जिसे बढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘इस बात पर जोर दिया गया कि मंत्रियों और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद बढ़ना चाहिए और मंत्री कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहें।’

कांग्रेस के एक अन्य नेता ने कहा कि सरकार और पार्टी के मंत्रियों के कामकाज का प्रचार प्रसार होना चाहिए।

सूत्रों के अनुसार, खरगे और राहुल गांधी दोनों ने इस बात पर जोर दिया कि झारखंड में गठबंधन में रहते हुए भी कांग्रेस का विस्तार और संगठन को मजबूत बनाना है।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ खाते पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने झारखंड के कांग्रेस सांसदों, मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात की और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।’

भाषा हक प्रशांत

प्रशांत

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