कोलकाता, 15 जुलाई (भाषा) भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को प्रमुख परिचालन कोलकाता से बाहर ले जाने से रोकने के लिए एक प्रमुख नागरिक संगठन ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप का आग्रह किया।
एसबीआई ने वैश्विक बाजार इकाई (जीएमयू) और अन्य प्रमुख परिचालन को कोलकाता से मुंबई स्थानांतरित करने का फैसला किया है।
नागरिक संगठन ‘बैंक बचाओ, देश बचाओ मंच’ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एसबीआई के जीएमयू और तीन केंद्रीकृत प्रसंस्करण प्रकोष्ठ – देयता केंद्रीय प्रसंस्करण प्रकोष्ठ (एलसीपीसी), केंद्रीकृत चेक प्रसंस्करण प्रकोष्ठ (सीसीपीसी), और केंद्रीकृत पेंशन प्रसंस्करण प्रकोष्ठ (सीपीपीसी) सहित प्रमुख कार्यों को कोलकाता से स्थानांतरित करने के कदम पर चिंता जताई है।
संगठन ने आरोप लगाया कि इससे रोजगार और राज्य के राजस्व पर सीधा असर पड़ेगा।
पत्र में कहा गया, ‘‘यह मार्च, 2008 में बैंक प्रबंधन और अधिकारी तथा कर्मचारी संघों के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि विदेशी मुद्रा कोष कोलकाता से संचालित होता रहेगा। वैश्विक बैंकिंग परिचालन में कोलकाता की भूमिका को मजबूत करने के लिए 2015 में जीएमयू कोलकाता में केंद्रीय वैश्विक बैक कार्यालय की स्थापना भी की गई थी।’’
मंच के संयोजकों में से एक सौम्य दत्ता ने कहा, ‘‘इस फैसले से लगभग 150 स्थायी और 200 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। करीब 600 से ज्यादा परिवारों को नुकसान होगा। इन इकाइयों के जाने से राज्य के खजाने को सालाना लगभग 25 करोड़ रुपये के जीएसटी राजस्व का नुकसान होगा।’’
मंच ने मांग की कि मुख्यमंत्री इस फैसले को रोकने और बैंक की पिछली प्रतिबद्धता को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
पत्र में कहा गया, ‘‘हम मुख्यमंत्री से बंगाल के हितों की रक्षा करने और भारत के बैंकिंग पारिस्थितिकी तंत्र में कोलकाता की उचित भूमिका सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं।’’
भाषा पाण्डेय अजय
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