नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) सेना के अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ, नीति निर्माता और निजी उद्योगों के प्रतिनिधि 16 जुलाई को यहां एकत्रित होंगे और स्वदेशीकरण के लिए एक ‘रणनीतिक रोडमैप’ विकसित करने पर विचार करेंगे, जिसका व्यापक उद्देश्य महत्वपूर्ण मानवरहित वायु यानों (यूएवी) और काउंटर-मानवरहित हवाई प्रणालियों (सी-यूएएस) के घटकों के लिए विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करना है। मंगलवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) द्वारा थिंक-टैंक ‘सेंटर फॉर ज्वाइंट वारफेयर स्टडीज’ (सीईएनजेओडब्ल्यूएस) के सहयोग से आयोजित की जाने वाली कार्यशाला-सह-प्रदर्शनी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित भारत-पाकिस्तान के हालिया सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में आयोजित की जा रही है, जिसमें यूएवी और सी-यूएएस के सामरिक महत्व तथा परिचालन प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला गया था।
बयान में कहा गया है कि इन प्रणालियों ने स्थितिजन्य जागरूकता बढ़ाने, सटीक लक्ष्य निर्धारण और मानव कर्मियों के लिए जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे वास्तविक समय में संचालन के दौरान भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों की परिपक्वता, विश्वसनीयता और मूल्य का प्रदर्शन हुआ।
मानेकशॉ सेंटर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि होंगे।
एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित समापन भाषण देंगे, विचार-विमर्श का सारांश प्रस्तुत करेंगे और अपेक्षित परिणाम प्रस्तुत करेंगे।
रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इस आयोजन से मानवरहित प्रणालियों में नवाचार, ज्ञान साझा करने और दीर्घकालिक क्षमता निर्माण के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की उम्मीद है।
भाषा वैभव माधव
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