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Tuesday, July 15, 2025

एससीओ को सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तंत्र में सुधार करना चाहिए : चीनी राष्ट्रपति

Newsएससीओ को सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए तंत्र में सुधार करना चाहिए : चीनी राष्ट्रपति

(के जे एम वर्मा)

बीजिंग, 15 जुलाई (भाषा) चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मंगलवार को एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों से कहा कि समूह को सुरक्षा खतरों और चुनौतियों का जवाब देने के लिए तंत्र में सुधार करना चाहिए तथा एक ठोस सुरक्षा कवच तैयार करना चाहिए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उन विदेश मंत्रियों और स्थायी निकायों के प्रमुखों में शामिल थे, जिनसे चिनफिंग ने तियानजिन में उनकी बैठक से पहले यहां मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से पिछले 24 वर्षों में, एससीओ ने हमेशा शंघाई भावना को कायम रखा है, एक परिपक्व और मजबूत संगठन के रूप में विकसित हुआ है, और मजबूत जीवंतता का प्रदर्शन किया।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अशांत और बदलते अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के मद्देनजर, एससीओ को केंद्रित और आश्वस्त रहना चाहिए, कुशलतापूर्वक कार्य करना चाहिए तथा विश्व में अधिक स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा लाने में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

चिनफिंग ने कहा कि चीन ने हमेशा अपनी पड़ोस कूटनीति (नेबरहुड डिप्लोमेसी) में एससीओ को प्राथमिकता दी है और संगठन को अधिक ठोस और मजबूत बनाने, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा करने, सदस्य देशों के विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और साझा भविष्य के साथ एक करीबी समुदाय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक को लेकर जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया कि एससीओ को सुरक्षा खतरों और चुनौतियों पर प्रतिक्रिया देने के लिए तंत्र में सुधार करना चाहिए, एक ठोस सुरक्षा कवच तैयार करना चाहिए, तथा शांति और स्थिरता के लिए जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए।

एससीओ ने पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) नामक एक सुरक्षा तंत्र विकसित किया है।

चीन वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है।

इस वर्ष चीन के तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन होना है। इस के मद्देनजर चिनफिंग ने कहा कि वह इस सम्मेलन में अन्य सदस्य देशों के नेताओं से मिलकर एससीओ के भविष्य के विकास पर चर्चा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के नेताओं के इसमें भाग लेने की उम्मीद है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने इससे पहले ‘तास’ समाचार एजेंसी को बताया था कि शिखर सम्मेलन 30 अगस्त से एक सितंबर के बीच तियानजिन में आयोजित किया जाएगा।

एससीओ में 10 सदस्य देश हैं, जिनमें चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं।

चिनफिंग ने अमेरिका पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि संगठन को आधिपत्य, ताकत की राजनीति और धौंस-धमकी का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए तथा एक अधिक समान और व्यवस्थित बहुध्रुवीय विश्व को बढ़ावा देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसे संयुक्त परामर्श और साझाकरण के सिद्धांतों को कायम रखना चाहिए, ताकि आर्थिक वैश्वीकरण अधिक समावेशी और सभी के लिए लाभकारी बन सके।

चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि संगठन को एक अधिक न्यायसंगत और उचित वैश्विक शासन प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ को एकजुट करना और उसका नेतृत्व करना चाहिए।

‘ग्लोबल साउथ’ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।

भाषा नोमान दिलीप

दिलीप

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