गुवाहाटी, 15 जुलाई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने विपक्षी पार्टी पर पूर्वोत्तर राज्य में बांग्ला भाषी आबादी पर उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्ला भाषी लोगों सहित असम के सभी वास्तविक नागरिक बांग्लादेश से अवैध मुस्लिम आप्रवासन के खिलाफ सरकार के अडिग रुख का समर्थन करते हैं।
शर्मा ने ‘एक्स’ पर कहा, “ असम कई दशकों से बांग्लादेशी मुसलमानों की अवैध घुसपैठ के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहा है। टीएमसी द्वारा मीडिया को दिए गए मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने और हमारे रुख को बंगाली विरोधी बताने की हालिया कोशिश, बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों को बचाने की एक हताश चाल है, जिनकी मौजूदगी से हमारे देश के जनसांख्यिकीय ताने-बाने के बदलने का खतरा है।”
उन्होंने कहा, ‘यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया जाए कि असम में प्रत्येक भारतीय नागरिक – जिसमें बांग्ला भाषी लोग भी शामिल हैं – हमारे रुख को पूरी तरह समझते हैं और बांग्लादेश से अवैध मुस्लिम घुसपैठ के खिलाफ हमारे अडिग रुख का समर्थन करते हैं।’
शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा था कि जनगणना दस्तावेजों में बांग्ला को मातृभाषा के रूप में लिखवाने से राज्य में रहने वाले विदेशियों की संख्या का पता चल जाएगा।
उन्होंने यह टिप्पणी ऑल बीटीसी माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन के नेता मियां उद्दीन अली के बयान के जवाब में की। अली ने धमकी दी थी कि सभी बांग्ला भाषी मुसलमान जनगणना में अपनी मातृभाषा के रूप में असमिया को दर्ज कराना बंद कर देंगे, जिससे राज्य की भाषा बोलने वाले लोग अल्पसंख्यक बन जाएंगे।
टीएमसी ने शनिवार को पूछा कि क्या बांग्ला में लिखे गए राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत को गाने से शर्मा ‘अवैध बांग्लादेशी’ बन जाएंगे।
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नोमान माधव
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