27.1 C
Jaipur
Tuesday, July 15, 2025

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को लोकतंत्र, संविधान के ‘अनादर’ के लिए माफी मांगनी चाहिए: उप मुख्यमंत्री

Newsजम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को लोकतंत्र, संविधान के ‘अनादर’ के लिए माफी मांगनी चाहिए: उप मुख्यमंत्री

श्रीनगर, 15 जुलाई (भाषा) जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ सोमवार को हुए कथित पुलिस दुर्व्यवहार पर कड़ा रुख अपनाया और मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को लोकतंत्र, संविधान और जनादेश का ‘अनादर’ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

अब्दुल्ला 13 जुलाई, 1931 को डोगरा सेना द्वारा मारे गए 22 लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार को श्रीनगर की केंद्रीय जेल के बाहर नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान के द्वार पर चढ़ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ ‘धक्कामुक्की’ की गई।

चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल जो हुआ उसके लिए उपराज्यपाल को माफी मांगनी चाहिए। उन्हें हमसे नहीं, बल्कि उन लोगों से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने हमें जनादेश दिया है। उन्हें उस जनादेश, संविधान और भारतीय लोकतंत्र से माफी मांगनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उपराज्यपाल को 1947 में देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों से भी माफी मांगनी चाहिए।’’

चौधरी ने कहा कि सोमवार को जो हुआ वह लोकतंत्र और उस आजादी का ‘अनादर’ है जिसके लिए लाखों लोगों ने अपनी जान कुर्बान की।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें आजादी आसानी से नहीं मिली, इसके लिए कई कुर्बानियां दी गईं। जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सरकार उसी आजादी और संविधान के तहत चुनी गई थी। इस सरकार को जनता का जनादेश प्राप्त है।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘कल जो कुछ भी हुआ, पुलिस ने जो किया, मेरे नेता उमर अब्दुल्ला एक निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं, जनता द्वारा चुने गए हैं। यह उमर अब्दुल्ला का अपमान नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर और देश के लोकतंत्र का अपमान है। यह जम्मू-कश्मीर की जनता का अपमान है जिसने हमें चुना है।’’

किसी का नाम लिए बिना चौधरी ने कहा कि ‘‘उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि वे पूर्ण राज्य के दर्जे की आड़ में छिपेंगे, हमें दबाएंगे और हम इसे बर्दाश्त कर लेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम और जम्मू-कश्मीर के लोग यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारे नेता का अपमान करे।’’

उपराज्यपाल के कथित बयान, जिसमें उन्होंने पहलगाम हमले के लिए खुद को जिम्मेदार बताया था, का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा कि सिन्हा को 82 दिन बाद याद आया कि पहलगाम में सुरक्षा चूक के लिए वह जिम्मेदार हैं और ‘‘एक दिन वह स्वीकार करेंगे कि उनके नियंत्रण वाली पुलिस ने उमर अब्दुल्ला के साथ जो किया, वह गलत था।’’

उन्होंने कहा कि 1931 में मारे गए 22 लोगों ने भारत के खिलाफ नहीं, बल्कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘1931 में, भारत स्वतंत्र देश नहीं था, इस पर अंग्रेजों का शासन था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।’’

चौधरी ने कहा, ‘‘वे लोग शहीद हैं, वे उत्पीड़न के खिलाफ थे।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘कल जो हुआ, वह भी उत्पीड़न था।’’

भाषा वैभव माधव

माधव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles