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Tuesday, July 15, 2025

पूंजी बाजार में खुदरा भागीदारी बढ़ी, डीमैट खातों की संख्या 2025 में बढ़कर 19.4 करोड़

Newsपूंजी बाजार में खुदरा भागीदारी बढ़ी, डीमैट खातों की संख्या 2025 में बढ़कर 19.4 करोड़

मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) भारतीय बाजार में खुदरा निवेशकों की उल्लेखनीय भागीदारी देखी जा रही है और डीमैट खातों की संख्या 2019 के 3.6 करोड़ से बढ़कर 2025 में 19.4 करोड़ हो गई। बाजार नियामक सेबी की एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।

इस बीच, सूचीबद्ध कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशकों का स्वामित्व 13 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो गया जबकि विदेशी स्वामित्व 22 प्रतिशत से घटकर 17 प्रतिशत रह गया है।

आईवीसीए नवीकरणीय ऊर्जा शिखर सम्मेलन 2025 द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की कार्यकारी निदेशक रुचि चोजर ने कहा कि विश्वास निवेश की आधारशिला है और भारत ने वह विश्वास हासिल कर लिया है।

आईवीसीए द्वारा जारी बयान में रुचि चोजर के हवाले से कहा गया, ‘‘सेबी का नियामक दृष्टिकोण पूंजी निर्माण को प्रणालीगत स्थिरता और निवेशक संरक्षण के साथ संतुलित करने पर केंद्रित रहा है। विश्वास निवेश की आधारशिला है और भारत ने वह विश्वास हासिल किया है।’’

उन्होंने बताया कि खुदरा भागीदारी 2019 में 3.6 करोड़ डीमैट खातों से बढ़कर 2025 में 19.4 करोड़ हो गई।

रुचि चोजर ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय कंपनियों ने शेयर एवं ऋण के जरिये करीब 93 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में इक्विटी जारी करने से रिकॉर्ड 4.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए जिसमें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 1.7 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह वृद्धि न केवल नीति और बुनियादी ढांचे से, बल्कि निवेशकों के बढ़ते विश्वास से भी प्रेरित है।’’

इसके अलावा उन्होंने भारत की स्वच्छ ऊर्जा यात्रा में पूंजी बाजार के महत्व पर भी बात की।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के हरित बदलाव की ओर बढ़ने में पूंजी बाजारों और विशेष रूप से वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।’’

भाषा निहारिका पाण्डेय

पाण्डेय

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