नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए आधार, मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) और राशन कार्ड पर विचार करने के उच्चतम न्यायालय के सुझाव का पालन नहीं करने पर निर्वाचन आयोग की मंगलवार को आलोचना की और कहा कि यह मुद्दा आगामी संसद सत्र में उठाया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोकसभा सदस्य ने बिहार में बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा प्रपत्र (फॉर्म) वितरित किए जाने के तरीके में विसंगतियों का भी आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि कई लोगों को फॉर्म जमा करने की कोई रसीद नहीं मिली है और प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं है।
सिंह ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग इन दस्तावेजों को विशेष गहन पुनरीक्षण की अपनी सूची में क्यों नहीं शामिल कर रहा है, जबकि शीर्ष अदालत ने उसे इस पर विचार करने के लिए कहा था?’’
उन्होंने कहा कि 2003 से, जब आखिरी एसआईआर कवायद की गई थी, अब तक भाजपा-जदयू गठबंधन ही ज्यादातर सत्ता में रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए लोकसभा सदस्य ने बिहार में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा फॉर्म वितरित करने के तरीके में विसंगतियों का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या जदयू और भाजपा ने सूची में फर्जी मतदाताओं के नाम जोड़े हैं?’’
सिंह ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को डर है कि वह आगामी चुनाव हार जाएगा। उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को मतदाताओं को ‘मताधिकार से वंचित’ करने का एक प्रयास बताया।
उन्होंने कहा, ‘‘महागठबंधन मानसून सत्र में इस मुद्दे को उठाएगा। हम इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करेंगे।’’
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा।
भाषा संतोष माधव
माधव