लखनऊ/कानपुर, 15 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से कानपुर में सूख चुकी नून नदी और जौनपुर की पीली अब फिर से बहने लगी है। एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि एक समय कानपुर की नून नदी का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो चुका था, यह नक्शे से गायब हो गई थी, गाद से भरी रहती थी तथा अतिक्रमण की जद में थी लेकिन अब इसकी जलधारा फिर से बहने लगी है।
इसमें कहा गया, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता के कारण ऐसा हुआ है जिन्होंने ‘एक जिला–एक नदी’ पहल के माध्यम से राज्य की मृतप्राय नदियों को पुनर्जीवित करने के लिये अभियान शुरू कराया।’’
बयान के मुताबिक नून नदी न केवल कानपुर नगर के लिए, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक आदर्श बन चुकी है।
इसमें कहा गया, ‘‘नून नदी कभी बिल्हौर, शिवराजपुर और चौबेपुर के खेतों को सींचती थी, ग्रामीण संस्कृति का अभिन्न हिस्सा थी लेकिन उपेक्षा की शिकार इस नदी में न तो पानी बचा था, न कोई पहचान रह गई थी। अतिक्रमण और गाद ने जलधारा को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया था।’’
मुख्यमंत्री के निर्देश पर नून नदी को ‘एक जिला–एक नदी’ योजना में शामिल किया गया। कानपुर के जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह और मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन के नेतृत्व में इस कार्य को एक सरकारी योजना से अधिक जनभागीदारी अभियान बनाया गया।
बयान में कहा गया, ‘‘करीब 48 किलोमीटर लंबी नून नदी का पुराना रास्ता खोजने में राजस्व अभिलेख, ग्रामीणों की यादें, ड्रोन सर्वेक्षण और उपग्रह की तस्वीरों का सहारा लिया गया। मनरेगा योजना के तहत सफाई, खुदाई, गाद निकासी और तटबंध निर्माण का कार्य फरवरी से आरंभ हुआ।’’
इसमें कहा गया कि 6,000 श्रमिकों ने 58 ग्राम पंचायतों से मिलकर करीब 23 किलोमीटर की खुदाई और सफाई का कार्य किया तथा इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 57 लाख रुपये खर्च हुए।
बयान के अनुसार मुख्यमंत्री की अपेक्षा के अनुरूप जुलाई के पहले सप्ताह में नदी के दोनों तटों पर 40,000 से अधिक पौधे रोपे गए जिनमें नीम, पीपल, पाकड़, सहजन जैसे वृक्ष प्रमुख हैं।
एक अन्य आधिकारिक बयान के मुताबिक योगी के निर्देश पर चलाए गए अभियान के तहत जनसहयोग से जौनपुर की सांस्कृतिक धरोहर पीली नदी भी सजीव हो गई।
जौनपुर की पीली नदी आदिगंगा गोमती नदी की सहायक नदी है, जो इस जिले में 43 किलोमीटर में प्रवाहित होती है। इस नदी के पुनर्जीवन से किसानों को भी भरपूर फायदा होगा।
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पीली नदी के दोनों किनारों पर 11 हजार पौधे लगाए गए हैं। 15 अगस्त तक नदी के किनारों 51 हजार और पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जौनपुर के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व और एक जनपद, एक नदी’ अभियान के तहत जौनपुर की ऐतिहासिक पीली नदी का पुनरोद्धार कार्य प्रेरणादायक जन आंदोलन के रूप में उभर कर सामने आया।
जौनपुर में बहने वाली पीली नदी गोमती नदी की सहायक नदी है। यह नदी बदलापुर तहसील के देहुणा गांव से निकलकर भलुआ, खनपुर, बहुर, सिरिकना, रामपुर आदि गांव से गुजरती हुई बेलवां गांव के पास गोमती नदी में मिल जाती है।
जिलाधिकारी ने बताया कि 11 जून से दो जुलाई तक चले नदी पुनरोद्धार अभियान के जरिये नदी की 25 किमी लंबी धारा को पुनर्जीवित किया गया।
भाषा आनन्द
राजकुमार
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