नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को निर्देश दिया कि वह विश्वविद्यालय की घटक इकाई जेएन मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप के लिए 11 विदेशी मेडिकल स्नातकों को दो सप्ताह के भीतर वजीफा जारी करे।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने एएमयू को अपने कोष से धनराशि जारी करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा कि वह इस तथ्य के आधार पर एएमयू के खिलाफ कोई कदम न उठाए कि उससे कोई पूर्व मंजूरी नहीं मांगी गई थी।
जबीहुल्लाह सहित 11 स्नातकों ने याचिका दायर कर केवल भारतीय चिकित्सा स्नातकों को वजीफा देने की ‘‘भेदभावपूर्ण’’ प्रथा पर प्रकाश डाला।
याचिका में कहा गया कि दोनों श्रेणियों के स्नातक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के नियमों के अनुसार समान इंटर्नशिप कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
पीठ ने कहा कि सभी मेडिकल इंटर्न, चाहे उन्होंने किसी भी देश से स्नातक किया हो, वजीफे के हकदार हैं।
एएमयू ने सुनवाई के दौरान कहा कि वह वर्तमान में केंद्र और यूजीसी के साथ विदेशी स्नातकों के भावी प्रशिक्षुओं को सहायता देने के लिए अतिरिक्त धनराशि पर विचार-विमर्श कर रहा है।
भाषा नेत्रपाल सुरेश
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