नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मंगलवार को कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने वस्तुओं के आयात में ‘असामान्य तेजी’ पर नजर रखना शुरू कर दिया है। निगरानी में अगर यह पाया गया कि आयात में यह वृद्धि किसी गड़बड़ी के कारण हुई है, तो कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने पिछले महीने भारत में तरल रूप में सोने के अवैध प्रवाह को रोकने के लिए कुछ कोलाइडल कीमती धातुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिए थे।
कोलाइडल कीमती धातुओं में तरल रूप में फैले सोने या चांदी के नैनोकण पाये जाते हैं।
बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने आयात में उछाल की निगरानी शुरू कर दी है। हम विभाग के भीतर नियमित निगरानी कर रहे हैं। हम विभिन्न मंत्रालयों को भी आयात में तेजी की रिपोर्ट भेज रहे हैं ताकि वे भी अपने स्तर पर निगरानी कर सकें और जब भी हमें कोई असामान्य उछाल दिखाई दे… अगर हमें लगता है कि यह उछाल किसी गड़बड़ी के कारण है, तो हम इसे रोकने के लिए डीजीएफटी के अधिकार क्षेत्र का भी उपयोग करेंगे।’’
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है जो देश के आयात और निर्यात से संबंधित मुद्दों पर विचार करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी वस्तुओं को आयात में वृद्धि के नजरिये से देख रहे हैं। हम इसका विस्तार से विश्लेषण कर रहे हैं और संबंधित मंत्रालयों से स्वयं इसकी जांच करने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए कह रहे हैं।’’
सचिव ने यह भी कहा कि व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) को उन आयात पर गौर करने के लिए कहा गया है जो वर्तमान में दुनिया भर में विभिन्न मार्गों से व्यापार के बढ़ते चलन को देखते हुए घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
अमेरिका के भारी शुल्क लगाए जाने से व्यापार के लिए अलग रास्तों का उपयोग हो रहा है क्योंकि कुछ देश कम शुल्क वाले देशों का फायदा उठा रहे हैं।
भारत ने जून में कुछ वस्तुओं के आयात में अचानक वृद्धि और माल की डंपिंग के खिलाफ कई जांच शुरू की।
मंत्रालय एक विश्व व्यापार निगरानी रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में भी है। यह काम हर महीने किया जाएगा।
इसमें उत्पादों और देशों के अनुसार आयात में वृद्धि, उन आयात को रोकने के लिए उठाए गए कदमों और भारतीय उद्योग के लिए निर्यात के अवसरों जैसी जानकारी शामिल होगी।
देश का आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जून के दौरान बढ़कर 179.44 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 172.16 अरब डॉलर था।
भाषा रमण अजय
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