बेंगलुरु, 15 जुलाई (भाषा) कर्नाटक के मंत्री शरणप्रकाश पाटिल ने मंगलवार को कहा कि राज्य में हृदय रोगियों की मृत्यु दर अथवा हृदय संबंधी बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है।
पाटिल ने कहा कि कर्नाटक के निष्कर्ष अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-नयी दिल्ली के निष्कर्षों से मेल खाते हैं।
पाटिल ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘ इसलिए, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। कोविड का टीका और इन मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है।’’
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरणप्रकाश पाटिल ने स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के साथ बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (एनआईएमएचएएनएस) तथा जयदेव हृदय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (जेआईसीएसआर)-बेंगलुरु की रिपोर्टों के निष्कर्षों को उजागर करने के लिए विकास सौधा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
इन रिपोर्ट में अचानक हृदय संबंधी घटनाओं – दिल के दौरे और अचानक हृदय संबंधी मृत्यु की बढ़ती प्रवृत्ति की जांच की गई।
एनआईएमएचएएनएस ने मार्च से सितंबर 2020 तक न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के साथ भर्ती हुए कोविड-19 के सभी पुष्ट रोगियों (लगभग 3,200) के रिकॉर्ड की समीक्षा की। वहीं, जेआईसीएसआर ने एक अप्रैल से 31 मई के बीच भर्ती हुए 251 मरीजों का अध्ययन किया।
एनआईएमएचएएनएस के अध्ययन के अनुसार अध्ययन अवधि के दौरान न्यूरोलॉजिकल बीमारी के लिए इलाज किए गए 3,200 रोगियों में से केवल 120 रोगियों – लगभग 3.7 प्रतिशत – में न्यूरोलॉजिकल विकारों के साथ कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई थी।
जेआईसीएसआर के निदेशक डॉ.के.एस रवीन्द्रनाथ ने कहा कि दुनिया के बाकी हिस्सों में प्रकाशित अधिकांश अध्ययनों और रिपोर्टों में भी कोविड टीकाकरण और अचानक हृदय संबंधी घटनाओं के बीच कोई कारणात्मक संबंध नहीं पाया गया है।
पाटिल ने कहा कि यह धारणा गलत है कि ऐसी घटनाएं केवल हासन जिले में ही हो रहे हैं।
हासन जिले में दिल के दौरे के मामलों में वृद्धि की रिपोर्ट के बाद, अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साथ ही जांच कराने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि हासन में 24 व्यक्तियों की मृत्यु पर अध्ययन किया जा रहा है।
भाषा रवि कांत रवि कांत माधव
माधव