मांड्या (कर्नाटक), 15 जुलाई (भाषा) जानीमानी फिल्म अभिनेत्री बी. सरोजा देवी का अंतिम संस्कार मंगलवार को मांड्या जिले के उनके पैतृक गांव दशवारा में पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
सरोजा देवी (87) का 14 जुलाई को बेंगलुरु के मल्लेश्वरम स्थित उनके घर पर उम्र संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया। अंतिम संस्कार वोक्कालिगा परंपराओं के अनुसार करते हुए उन्हें दफनाया गया।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कर्नाटक फिल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों जयमाला, रॉकलाइन वेंकटेश, कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष एम. नरसिम्हालु और फिल्म निर्माता बसंत कुमार पाटिल सहित अन्य लोगों के साथ उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
सात जनवरी, 1938 को बेंगलुरु में जन्मी सरोजा देवी भारतीय सिनेमा की सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक थीं। उन्होंने 1950 के दशक की शुरुआत में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की और कई भाषाओं में 180 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया।
प्रभावशाली स्क्रीन उपस्थिति और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जानी जाने वाली सरोजा देवी ने जल्द ही व्यापक प्रसिद्धि हासिल कर ली।
‘ससुराल’, ‘कित्तूर रानी चेन्नम्मा’, ‘अन्बे वा’ और ‘एंगा वीट्टु पिल्लै’ जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर माना जाता है।
बी. सरोजा देवी को ऐतिहासिक और पौराणिक फिल्मों में उनके दमदार महिला पात्रों के लिए विशेष रूप से सराहा गया, जिन्हें उन्होंने आत्मविश्वास, गरिमा और गहराई के साथ निभाया।
उन्होंने कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त किए, जिनमें भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया पद्म भूषण और पद्म श्री तथा कर्नाटक सरकार द्वारा डॉ. राजकुमार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रमुख हैं। उनके निधन की खबर आने के बाद देशभर से शोक संदेश आये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अनेक नेताओं और भारतीय फिल्म जगत की प्रमुख हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके स्थायी प्रभाव व अतुलनीय योगदान को याद किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेंगलुरु स्थित उनके निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘उनका निधन समूचे फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ी क्षति है।’
उन्होंने कहा, ‘‘बी. सरोजा देवी ने बहुत कम उम्र में फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और लगभग 70 वर्षों तक इसकी सेवा की। अपने करियर की शुरुआत में ही उन्हें ‘अभिनय सरस्वती’ की उपाधि मिली। उन्होंने कन्नड़, तेलुगु, तमिल और हिंदी फिल्मों में बहुमुखी प्रतिभा के साथ काम किया और एक बहुभाषी प्रतिभाशाली अभिनेत्री के रूप में पहचान बनायी।’’
भाषा अमित दिलीप
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