नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) भारत में घरों में बिजली की खपत पिछले तीन साल में लगभग 10 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि तेजी से शहरीकरण, बढ़ती गर्मी और जनसंख्या वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है।
शोध संस्थान इंस्टिट्यूट फॉर एनर्जी इकनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) के विशेषज्ञों ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में देश की कुल बिजली खपत में आवासीय क्षेत्र का योगदान 31 प्रतिशत था।
उन्होंने कहा कि बिजली की खपत में औद्योगिक, वाणिज्यिक और कृषि क्षेत्रों की हिस्सेदारी क्रमश: 32 प्रतिशत, 10 प्रतिशत और 22 प्रतिशत है।
विशेषज्ञों ने कहा कि अकेले 2024 में एयर कंडीशनर की बिक्री 40 से 50 प्रतिशत बढ़ी। इसके अलावा ग्रामीण विद्युतीकरण के चलते भी आवासीय क्षेत्र से बिजली की मांग बढ़ रही है।
आईईईएफए के निदेशक (दक्षिण एशिया) विभूति गर्ग, ऊर्जा विशेषज्ञ सलोनी सचदेवा माइकल और चरित कोंडा, तथा ऊर्जा विश्लेषक कैरा रखेजा सहित लेखकों ने कहा कि बढ़ते तापमान और चरम मौसम की घटनाओं के चलते बिजली की मांग बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान देश की अधिकतम बिजली मांग में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखते हैं और तापमान में बदलाव की दृष्टि से ये राज्य अधिक संवेदनशील हैं।
भाषा अजय पाण्डेय
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