जयपुर, 15 जुलाई (भाषा) जयपुर की एक अदालत ने राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर सड़क जाम करने के 11 साल पुराने मामले में दो कांग्रेस विधायकों और सात अन्य की सजा मंगलवार को स्थगित कर दी।
आरोपियों ने 17 जून, 2025 को सुनाई गई सजा के खिलाफ जयपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-नौ, प्रेम प्रकाश ओझा के समक्ष अपील दायर की थी। अपीलकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि अपील के निपटारे में समय लगेगा और अगर सजा स्थगित नहीं की गई तो अपीलकर्ता अपने विधिक अधिकारों से वंचित हो जाएंगे।
मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने अपीलकर्ताओं की याचिका स्वीकार कर ली। मामले की सुनवाई अब 26 अगस्त 2025 को होगी।
मुकेश भाकर (विधायक), मनीष यादव (विधायक), द्रोण यादव, अभिषेक चौधरी, राजेश मीणा, रवि किराड़, वसीम खान, भानु प्रताप सिंह और विद्याधर मील को भादंसं की धाराओं 147 और 283 के तहत गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने और सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालने का दोषी ठहराया गया था।
यह घटना 13 अगस्त 2014 को हुई थी जब इन छात्र नेताओं ने जेएलएन मार्ग स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर लगभग 20 मिनट तक सड़क जाम किया था।
मुकेश भाकर और मनीष यादव वर्तमान में कांग्रेस से विधायक हैं। अभिषेक चौधरी ने भी जयपुर के झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे।
अधीनस्थ अदालत ने दोषियों पर भादंसं की धारा 147 के तहत एक-एक साल की सजा और 3,000-3,000 रुपये का जुर्माना तथा धारा 283 के तहत 200 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया था।
भाषा पृथ्वी राजकुमार
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