पटना, 15 जुलाई (भाषा) बिहार सरकार ने मंगलवार को फैसला किया कि गैर-कॉरपोरेट करदाताओं की दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में उनके परिजन को पांच लाख रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने प्रस्तावित बिहार व्यवसायी दुर्घटना मृत्यु योजना, 2025 को मंजूरी दे दी।
उन्होंने कहा, ‘‘वाणिज्यिक कर विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसके अनुसार राज्य सरकार किसी व्यवसायी (गैर-कॉरपोरेट करदाता) की दुर्घटना में मौत होने पर उसके निकटतम परिजन को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देगी, बशर्ते व्यवसायी बिहार का निवासी हो या उसने राज्य में अपना व्यवसाय पंजीकृत कराया हो। राज्य के व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के अलावा यह योजना जीएसटी करदाताओं को भी कवर करेगी।’’
प्राकृतिक गैस पर मूल्य वर्धित कर (वैट) की दर में एकरूपता लाने के प्रयास के तहत मंत्रिमंडल ने सीएनजी एवं पीएनजी की घरेलू और व्यावसायिक बिक्री पर कर दरों को मानकीकृत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब कंपनियां संशोधित कर का भुगतान करके कम कीमतों पर सीएनजी और पीएनजी की आपूर्ति कर सकेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का मानना है कि वैट दरों में यह एकरूपता न केवल उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगी, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।’’
मंत्रिमंडल ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के काम में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के लिए छह-छह हजार रुपये के एकमुश्त मानदेय को भी मंजूरी दी।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार एसआईआर प्रक्रिया में शामिल 77,895 बीएलओ और 8245 पर्यवेक्षकों को 6,000 रुपये का एकमुश्त मानदेय देगी। मंत्रिमंडल द्वारा इस उद्देश्य के लिए कुल 51.68 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।’’
इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा संचालित 46 सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यशालाओं और प्रयोगशालाओं के लिए मशीनरी, उपकरण, औजार और कंप्यूटर की खरीद एवं स्थापना के लिए 80 करोड़ रुपये मंजूर किए।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के विस्तार, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण कार्य के लिए अनुमानित 7,832.29 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के मार्च 2029 के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
कैबिनेट ने गंगा पथ परियोजना के तहत मुंगेर (सफियाबाद)-बरियारपुर-घोरघाट-सुल्तानगंज (42 किमी) के विकास के लिए 5,119 करोड़ रुपये और सुल्तानगंज-भागलपुर-सबौर (40.80 किमी) के लिए 4,849 करोड़ रुपये को मंजूरी दी।
भाषा सिम्मी माधव
माधव