(नेहा मिश्रा)
नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) शहर में पार्किंग व्यवस्था में तकनीक-आधारित बदलाव ला रहा है जिसके तहत डिजिटल बिलिंग, ‘रियल-टाइम’ निगरानी और सख्त प्रवर्तन अनिवार्य किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि इसके लिए राजधानी भर में 82 अधिकृत पार्किंग स्थलों के आवंटन के लिए एक नई ई-निविदा जारी की गई है।
नागरिक निकाय ने यह अनिवार्य किया है कि व्यस्त बाजारों, आवासीय क्षेत्रों और व्यावसायिक केंद्रों में स्थित सभी पार्किंग स्थलों का प्रबंधन ‘माईपार्किंग्स’ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाए ताकि अधिक शुल्क वसूलने पर रोक लगाने समेत हाथ से तैयार की जाने वाली पर्चियों को हटाया जा सके और पारदर्शिता बढ़ाई जा सके।
यह ऐप अब उन सभी ठेकेदारों के लिए अनिवार्य है जो हाथ में आसानी से पकड़े जाने वाले डिजिटल उपकरणों से समन्वयित होते हैं और इन उपकरणों के माध्यम से पार्किंग पर्चियां जारी करते हैं।
निविदा के अनुसार, डिजिटल प्रणाली को दरकिनार करने के किसी भी प्रयास के लिए दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने समेत अनुबंध समाप्त किया जा सकता है।
निविदा में उन 82 पार्किंग स्थलों का विवरण है (जिनमें तीन क्लस्टर स्थल शामिल हैं) जिन्हें मासिक लाइसेंस शुल्क के आधार पर निजी संचालकों के बीच नीलामी की जाएगी।
डिफेंस कॉलोनी मार्केट, वसंत कुंज, लोधी रोड इंस्टीट्यूशनल एरिया, शाहीन बाग, स्टेडियम रोड (छत्रसाल स्टेडियम) और शास्त्री नगर जैसे क्षेत्र इसमें शामिल हैं।
प्रत्येक स्थल के लिए एक आरक्षित शुल्क देय है। ठेका उच्चतम बोली लगाने वाले (एच-वन) पात्र बोलीदाता को दिया जाएगा।
प्रत्येक पार्किंग स्थल का लाइसेंस प्रारंभिक तीन वर्षों की अवधि के लिए आवंटित किया जाएगा, जिसे प्रदर्शन के आधार पर दो वर्षों के लिए और बढ़ाया जा सकेगा। बोली लगाने की अंतिम तिथि एक अगस्त है और तकनीकी बोलियां पांच अगस्त को खोली जाएंगी। बोली लगाए जाने से पहले 21 जुलाई को ‘सिविक सेंटर’ में एक बैठक आयोजित की जाएगी।
एमसीडी ने स्पष्ट किया है कि केवल वहीं कंपनियां बोली लगा सकेंगी, जिनके पास कम से कम तीन वर्षों का अनुभव, सकारात्मक नेटवर्थ और साफ-सुथरा वित्तीय रिकॉर्ड हो।
पूर्व में चूक करने वाली, काली सूची में डाली गईं या एमसीडी के साथ जारी किसी विवाद में शामिल कंपनियों को बोली लगाने की अनुमति नहीं होगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक के औसत कारोबार के आधार पर यह तय होगा कि बोली लगाने वाले को कितनी जगहें आवंटित की जा सकती हैं।
हालांकि, अपने क्षेत्रों के लिए बोली लगाने वाले बाजार और उद्योग से जुड़े संघों को कुछ वित्तीय मानदंडों से छूट दी जाएगी।
ठेकेदारों को तीन प्रतिशत पार्किंग स्थान दिव्यांगजनों के लिए और पांच प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षित रखने होंगे। निविदा में कहा गया है कि प्रत्येक स्थल पर सीसीटीवी निगरानी, थर्मल रोड मार्किंग, अग्नि सुरक्षा उपकरण और साफ-सफाई अनिवार्य होगी।
नगर निकाय ने कार्य-निष्पादन जवाबदेही के उपाय भी शुरू किए हैं, जैसे कि ऑपरेटरों को वर्दी पहननी होगी, पहचान पत्र दिखाना होगा, शिकायत रजिस्टर रखना होगा और तिमाही कार्य-निष्पादन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
निविदा में लिखा है, ‘‘सभी ऑपरेटर को पहचान पत्र के साथ वर्दी पहननी होगी, शिकायत रजिस्टर रखना होगा और तिमाही कार्य-निष्पादन रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।’’
एमसीडी के पास सार्वजनिक उपयोग के लिए या भविष्य में पार्किंग नीति में बदलाव के कारण किसी भी स्थान को एक महीने के नोटिस के साथ रद्द करने या पुनः प्राप्त करने का अधिकार सुरक्षित है।
भाषा संतोष सुरेश
सुरेश