नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दिल्ली के सरकारी विद्यालयों के छात्रों को अब एक नयी पहल- उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र एवं दृष्टिकोण का नया युग (एनईईईवी) के तहत उद्यमिता संबंधी संरचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य स्कूली बच्चों में नवोन्मेष, समस्या-समाधान का कौशल और आत्मनिर्भरता विकसित करना है। इसे चालू शैक्षणिक सत्र में आठवीं से 12वीं कक्षा तक लागू किया जाएगा।
परिपत्र के अनुसार, शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी विद्यालयों के साथ इस योजना का एक परिचयात्मक अवलोकन साझा किया है और प्रधानाचार्यों से कहा कि वे अपने शैक्षणिक कर्मचारियों में से एक को एनईईईवी स्कूल कार्यक्रम समन्वयक के तौर पर नामित करें, जो स्कूल स्तर की गतिविधियों पर नजर रखेगा।
इसमें बताया गया है कि नामित शिक्षकों द्वारा साप्ताहिक कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जिनमें अनुभव पर आधारित शिक्षण और उद्यमशीलता संबंधी अवधारणाओं के वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
परिपत्र के अनुसार, इस योजना के तहत छात्र कई व्यावहारिक पहलों में भाग लेंगे, जिनमें एनईईईवी संवाद, उद्यमियों एवं उद्योग विशेषज्ञों की एक वक्ता शृंखला और एक बहु-चरणीय प्रतियोगिता ‘स्टार्टअप स्टॉर्मर्स’ शामिल है, जिसमें छात्रों को अपने स्टार्टअप संबंधी विचारों को विकसित करने और प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।
चयनित छात्र समूह अपने उद्यम शुरू करने के लिए प्रति परियोजना 20,000 रुपये की वित्तीय सहायता के पात्र होंगे।
इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक स्कूल एक विद्यालय नवोन्मेष परिषद (एसआईसी) स्थापित करेगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधानाचार्य या स्कूल प्रमुख करेंगे। इसके अलावा, समन्वय और निगरानी के लिए जिला और क्षेत्रीय नवोन्मेष परिषद का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक मंडल और जिले में नोडल विद्यालयों की पहचान की जाएगी।
भाषा सिम्मी सुरेश
सुरेश