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Wednesday, July 16, 2025

सीबीआई ने ‘गति शक्ति’ परियोजना को लेकर एनआर और एनईआर के अधिकारियों पर मामला दर्ज किया

Newsसीबीआई ने ‘गति शक्ति’ परियोजना को लेकर एनआर और एनईआर के अधिकारियों पर मामला दर्ज किया

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लखनऊ और वाराणसी में तैनात उत्तर रेलवे (एनआर) और पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत के बदले गति शक्ति परियोजना के एक ठेकेदार से अनियमित बिलों को बिना किसी बाधा के मंजूरी देने की अनुमति देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने भदोही में केंद्र की प्रमुख परियोजना गति शक्ति को लेकर रेलवे के लखनऊ और वाराणसी स्थित कार्यालयों में कथित भ्रष्टाचार के मामलों का हवाला दिया है, जिसे टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रवीण कुमार सिंह और सिकंदर अली को दिया गया था।

यह परियोजना गति शक्ति के उप मुख्य अभियंता विवेक कुशवाहा की देखरेख में संचालित की गई थी, जो उत्तर रेलवे, लखनऊ में तैनात हैं।

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कुशवाहा ने निजी ठेकेदार और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत के बदले में बढ़े हुए बिलों को मंजूरी दी।

कुशवाहा और सिंह के अलावा सीबीआई ने नयी दिल्ली स्थित कंपनी टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और एक कर्मचारी जिमी सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जो कथित तौर पर सीबीआई की प्राथमिकी में सूचीबद्ध कई रिश्वत लेनदेन में से एक में शामिल था।

जांच एजेंसी ने एनईआर के कई अधिकारियों को नामजद किया है, जिनमें वरिष्ठ मंडल अभियंता राकेश रंजन, डीआरएम कार्यालय में कार्यालय अधीक्षक मनीष, वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (कार्य) अभिषेक गुप्ता, लेखा अनुभाग प्रमुख योगेश गुप्ता और सहायक अभियंता कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक सुशील कुमार राय शामिल हैं।

एजेंसी ने इस वर्ष जून में रंजन को दो लाख रुपये की रिश्वत देने की बात कही है जिसे जिम्मी सिंह ने पहुंचाया था, अप्रैल में गुप्ता को 50,000 रुपये दिए गए थे। इसी तरह मनीष, गुप्ता और राय को बिलों को शीघ्र मंजूरी दिलाने के लिए नियमित भुगतान किये गए थे।

भाषा संतोष माधव

माधव

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