भोपाल, 15 जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने युवाओं के बीच तेजी से बढ़ते नशे के चलन पर चिंता जताई और कहा कि उन्हें इस दलदल से बचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है।
‘नशे से दूरी-है जरूरी’ अभियान की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री ने एक वीडियो संदेश में कहा कि इस पहल का उद्देश्य न केवल नशे को रोकना है बल्कि समाज में नई चेतना जागृत करना भी है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संचालित इस नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यंत दु:खद है कि युवाओं के बीच नशे का चलन तेजी से बढ़ रहा है। युवा देश का भविष्य हैं, उन्हें इस दलदल से बचाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है।’’
मुख्यमंत्री ने नशे को एक सामाजिक बुराई करार दिया और कहा कि यह युवाओं, परिवार और समाज की जड़ों को खोखला बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘नशे की जद में आकर कई परिवार उजड़ जाते हैं। नशा नाश की जड़ है, जो न केवल स्वास्थ्य को खत्म करता है बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करता है।’’
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने मंगलवार को इस अभियान की शुरुआत की और दावा किया कि राज्य में अपराध नियंत्रण में हैं और विगत सात महीनों में ऐसा एक भी ‘सनसनीखेज अपराध’ नहीं हुआ, जिसमें तत्काल गिरफ्तारी न हुई हो।
यह अभियान 30 जुलाई तक प्रस्तावित है।
इस अवसर पर मकवाना ने कहा कि मादक पदार्थों का सेवन युवाओं को खोखला कर उनके परिवारों को भी बर्बाद कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘समाज की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि नशे के दुष्प्रभावों से विशेषकर किशोर बच्चों और युवाओं को अवगत कराएं और नशे से दूर रखें।’’
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन विभिन्न जन-जागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएगी जिनमें स्थानीय रेडियो और एफएम चैनलों के माध्यम से प्रसारण, सार्वजनिक स्थलों पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग का प्रदर्शन और पंपलेट का वितरण शामिल है।
इस जन-जागरूकता अभियान में विभिन्न शासकीय विभाग, गैर-सरकारी संगठन, धर्माचार्य, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि, और ग्राम एवं नगर सुरक्षा समितियां सक्रिय रूप से भाग लेंगी।
भाषा ब्रजेन्द्र राजकुमार
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