नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने केंद्र की गति शक्ति परियोजना में कथित रिश्वतखोरी के आरोप में लखनऊ में तैनात उत्तर रेलवे के एक उप मुख्य अभियंता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने नयी दिल्ली स्थित रेलवे ठेकेदार ‘टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड’ के एक कर्मचारी जिम्मी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह को उप मुख्य अभियंता विवेक कुशवाहा को 2.5 लाख रुपये की रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया। कुशवाहा लखनऊ में उत्तर रेलवे (एनआर) में गति शक्ति परियोजना की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
कंपनी के प्रवीण कुमार सिंह के निर्देश पर कथित तौर पर रिश्वत दी गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि कार्रवाई के दौरान जिम्मी सिंह द्वारा एनआर-लखनऊ की कार्यालय अधीक्षक अंजुम निशा को दी गई 80,000 रुपये की रिश्वत राशि भी निशा के कब्जे से बरामद कर ली गई।
उन्होंने बताया कि इस धनराशि में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता अशोक रंजन द्वारा निशा के माध्यम से प्राप्त रिश्वत की राशि भी शामिल थी।
इस घटनाक्रम से अवगत अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने टैंगेंट इंफ्राटेक के कुशवाहा, जिम्मी सिंह, रंजन, निशा और प्रवीण कुमार सिंह को गिरफ्तार किया है, जबकि सहायक कार्यकारी अभियंता के के मिश्रा फरार हैं। मिश्रा ने कथित तौर पर 2.75 लाख रुपये की रिश्वत ली थी।
सीबीआई की प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘लखनऊ में चार, वाराणसी में छह और गाजियाबाद में एक जगह पर तलाशी ली गई। इस दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए।’’
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को मंगलवार को लखनऊ स्थित विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने लखनऊ और वाराणसी में तैनात उत्तर रेलवे (एनआर) और पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।
भाषा
सिम्मी प्रशांत
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