नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन पर 2024 में संशोधित कानून के कुछ प्रावधानों के खिलाफ एक याचिका पर जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। उसने इस याचिका को अन्य समान याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए संलग्न कर दिया।
शीर्ष अदालत लखनऊ निवासी शिक्षाविद रूप रेखा वर्मा और अन्य की, संशोधित कानून के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाकर्ताओं ने 2024 में संशोधित उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के कुछ प्रावधानों को ‘अस्पष्ट और अत्यधिक व्यापक’ बताया है और तर्क दिया है कि उनकी अस्पष्टता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक प्रचार-प्रसार का उल्लंघन करती है।
भाषा वैभव मनीषा
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