चंडीगढ़, 16 जुलाई (भाषा) पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पार्किंग (वाहन खड़ा के मुद्दे हुए) विवाद को लेकर पंजाब के पुलिस कर्मियों की ओर से एक कर्नल पर कथित तौर पर हमला किये जाने के मामले की जांच बुधवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी।
यह कथित घटना 13 मार्च की देर रात पटियाला में तब हुई जब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनका बेटा सड़क किनारे एक ढाबे पर खाना खा रहे थे।
दो दिन पहले उच्च न्यायालय ने मामले की जांच को लेकर चंडीगढ़ पुलिस को फटकार लगायी थी।
याचिकाकर्ता बाथ के वकील दीपिंदर सिंह विर्क ने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपनी नयी याचिका में मामले की स्वतंत्र जांच विशेषकर सीबीआई से कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजेश भारद्वाज की अदालत ने मामला सीबीआई को हस्तांरित कर दिया।
उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को मारपीट के इस मामले की जांच चंडीगढ़ पुलिस को सौंपी थी और उसे चार महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि चंडीगढ़ पुलिस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करने में ‘‘विफल’’ रही है।
कर्नल बाथ ने पार्किंग विवाद को लेकर पंजाब पुलिस के 12 कर्मियों पर उन पर और उनके बेटे पर हमला करने का आरोप लगाया था तथा इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी, विशेषकर सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के चार निरीक्षक स्तरीय अधिकारियों और उनके हथियारबंद अधीनस्थों ने बिना किसी उकसावे के उन पर और उनके बेटे पर हमला किया, उनका पहचान पत्र और मोबाइल फोन छीन लिया और उन्हें ‘‘फर्जी मुठभेड़’’ की धमकी दी तथा यह सब सार्वजनिक रूप से किया गया एवं उस स्थान पर हुआ जहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस के अधीन निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
भाषा शोभना राजकुमार
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