ठाणे, 16 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2018 में आठ साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के लिए एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है, लेकिन सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए उसे बलात्कार के आरोप से बरी किया।
यौन अपराधों से बाल संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे विशेष न्यायालय के न्यायाधीश डी.एस. देशमुख ने 15 जुलाई को दिये फैसले में रमेश सिंह विजयबहादुर सिंह को दोषी ठहराया तथा उसे सात साल और दो महीने की सजा सुनाई। हालांकि, वह दी गई सजा की अवधि पहले ही जेल में बिता चुका है।
अदालत ने सिंह पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। हालांकि, सिंह को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और पॉक्सो अधिनियम की धारा 3 और 4 (यौन उत्पीड़न) के तहत अधिक गंभीर आरोपों से बरी कर दिया गया।
चार अगस्त, 2018 को कपूरबावड़ी पुलिस थाने में दर्ज मामले के अनुसार, अपराध 29 अप्रैल, 2018 से छह मई, 2018 के बीच हुआ।
विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने कहा कि 52 वर्षीय आरोपी ने सार्वजनिक शौचालय में नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता के पिता ने शिकायत तब दर्ज कराई जब उनके भाई ने आरोपी को बच्ची का यौन उत्पीड़न करने का प्रयास करते देखा, और पीड़िता ने खुद भी यौन उत्पीड़न के कई मामलों का खुलासा किया।
भाषा
शफीक नरेश
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