मुंबई, 16 जुलाई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) विधायक आदित्य ठाकरे ने बुधवार को वर्ली की एक झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास परियोजना में ‘‘अनियमितता’’ का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार से सुधारात्मक कार्रवाई की मांग की।
सुभेदार रामजी आंबेडकर नगर का प्रस्तावित पुनर्विकास कार्य शुरू नहीं हो सका था, क्योंकि पिछले 15 वर्षों में कई ‘डेवलपर्स’ ने इसमें से हाथ खींच लिए थे।
यह परियोजना विवादों में तब घिर गई जब भूमि आवंटन, दस्तावेजों के गुम होने तथा राजकोष को वित्तीय नुकसान जैसे आरोप लगे।
हाल में निर्माण कार्य शुरू होने के साथ ही ठाकरे ने विधानसभा में यह मामला उठाया और दावा किया कि कई विसंगतियां सामने आई हैं, जिनमें पिछले छह महीनों से परियोजना से प्रभावित निवासियों को किराए का भुगतान न करना भी शामिल है।
ठाकरे ने कहा, ‘‘झुग्गीवासियों को दिखाए गए मूल प्रारूप योजना को बिना उचित सूचना या अनुमति के बदल दिया गया। पुनर्वास भवनों का निर्माण पूरा किए बिना ही बिक्री योग्य फ्लैट और यहां तक कि बंगलों का निर्माण शुरू हो गया है।’’
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि परियोजना में लगभग 70 प्रतिशत भूमि अभी सरकार को सौंपी नहीं गई है। उन्होंने परियोजना में सरकारी स्वामित्व वाली भूमि की स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की।
ठाकरे ने प्रभावित लोगों को बकाया किराया का तत्काल भुगतान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य मूल स्वीकृत योजना के अनुसार होना चाहिए, जिसमें आगे की ओर व्यावसायिक दुकानें और पीछे की ओर बिक्री योग्य फ्लैट होंगे।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और राज्य सरकार से उचित कार्रवाई शुरू करने की अपील की।
भाषा धीरज नोमान
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