श्रीनगर, 16 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक वहीद पारा ने बुधवार को कहा कि गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम-1967 या यूएपीए के तहत मामला दर्ज होने के बाद उसकी सुनवाई ही अपने-आप में सजा है।
उन्होंने यह टिप्पणी इस अधिनियम के तहत विचाराधीन आरोपियों पर चलने वाले मुकदमें के दौरान उनकी दुर्दशा को रेखांकित करने के लिए की।
यूएपीए के तहत मुकदमे का सामना कर रहे पारा की यह टिप्पणी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अधिनियम के तहत फास्ट-ट्रैक विशेष आतंकवाद अदालत में उनकी पेशी के दिन आई।
पुलवामा से विधाकय पारा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चार साल। 60 सुनवाई। पांच गवाह। एनआईए अधिनियम के तहत एक फास्ट-ट्रैक विशेष आतंकवाद अदालत में एक और दिन। यूएपीए के तहत ‘न्याय’ ऐसा ही दिखता है – एक ऐसा कानून जहां केवल आरोप ही एक सजा है। देश भर में हजारों लोग बिना मुकदमे के सलाखों के पीछे हैं।’’
पारा ने कहा कि जुलाई माह में जम्मू-कश्मीर की विभिन्न अदालतों में उनकी आठ सुनवाई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह प्रक्रिया ही सजा बन जाती है।’’
भाषा धीरज माधव
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