नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर उनके 18 दिवसीय ऐतिहासिक मिशन के सफल समापन पर बधाई देने के लिए बुधवार को एक संकल्प पारित किया और कहा कि इससे देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय शुरू हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने एक संकल्प पारित किया, जिसमें शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा को पूरे देश के लिए गर्व, गौरव और खुशी का क्षण बताया गया। इसमें कहा गया है कि इस यात्रा ने भारत की असीम आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक में पारित संकल्प को पढ़ते हुए कहा, ‘‘मंत्रिमंडल, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिवसीय ऐतिहासिक मिशन के सफल समापन के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की पृथ्वी पर वापसी का जश्न मनाने में राष्ट्र के साथ शामिल है।’’
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुक्ला और निजी एक्सिओम-4 मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में 20 दिन बिताने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। इस 20 दिन की अवधि में 18 दिन उन्होंने आईएसएस पर बिताए।
संकल्प में कहा गया है कि यह मिशन अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में भारत को ऊंचाइयों पर ले जाता है।
संकल्प के अनुसार, ‘‘ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का मिशन सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि यह युवा भारतीयों की नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह वैज्ञानिक सोच, जिज्ञासा को बढ़ावा देगा और अनगिनत युवाओं को विज्ञान में करियर बनाने और नवाचार को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘यह गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन सहित भारत की अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान महत्वाकांक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में अग्रणी रहने के भारत के संकल्प की पुष्टि करता है।’’
एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री 25 जून 2025 को अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इसमें मिशन पायलट के रूप में शामिल थे।
मंत्रिमंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और देश के वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के पूरे समुदाय की सराहना की, जिनके अथक प्रयासों से यह उपलब्धि संभव हो पाई।
आईएसएस पर रहते हुए ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर अनेक प्रयोग किए। यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में भारत के बढ़ते नेतृत्व भूमिका का प्रमाण है।
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी और निर्णायक नेतृत्व की भी सराहना की, जिनकी रणनीतिक दूरदर्शिता, भारत की अंतरिक्ष क्षमता में अटूट विश्वास और निरंतर मार्गदर्शन ने देश को नयी सीमाएं तय करने और अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी देशों के बीच उभरने में सक्षम बनाया है।
संकल्प में कहा गया, ‘‘मंत्रिमंडल भारत की हालिया ऐतिहासिक उपलब्धियों को भी गर्व के साथ याद करता है, जिसमें 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग भी शामिल है, जो भारत के राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में इतिहास में दर्ज है।’’
इसमें कहा गया है कि 2023 में लॉन्च किये गए भारत के आदित्य-एल1 मिशन ने सौर गतिविधि के बारे में समझ को काफी बढ़ाया है। ये उपलब्धियां वैज्ञानिक उत्कृष्टता और राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता की भावना को दर्शाती हैं।
संकल्प में कहा गया है कि अंतरिक्ष क्षेत्र में निरंतर सुधारों के माध्यम से, सरकार ने भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि सुनिश्चित की है। इस क्षेत्र में लगभग 300 नये स्टार्टअप के उभरने से न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हुआ है, बल्कि नवाचार, उद्यमिता और प्रौद्योगिकी-संचालित विकास का एक जीवंत माहौल भी बना है।
भाषा सुभाष माधव
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