नयी दिल्ली, 16 जुलाई (भाषा) देश के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अप्रैल-जून तिमाही में 46 करोड़ डॉलर के 60 सौदे (आईपीओ और क्यूआईपी सहित) हुए। वित्तीय सेवा कंपनी ग्रांट थॉर्नटन भारत के अनुसार, यह सतर्क निवेश धारणा के बीच पहली तिमाही के स्तर की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट है।
अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़ों में पिछली जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में मात्रा के हिसाब से 34 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन सौदों के मूल्य के मामले में और भी अधिक तेज 79 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
ग्रांट थॉर्नटन भारत की ‘2025 की दूसरी तिमाही में प्रौद्योगिकी सौदों’ पर रिपोर्ट के अनुसार, “भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 46 करोड़ डॉलर मूल्य के 60 सौदे हुए, जिनमें आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) गतिविधियां शामिल हैं…यह मौजूदा व्यापक आर्थिक चुनौतियों के बीच अधिक सतर्क निवेश माहौल को दर्शाता है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 की पहली तिमाही को बड़े निजी इक्विटी लेनदेन और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज के एक अरब डॉलर के आईपीओ से बढ़ावा मिला था।
यदि सार्वजनिक बाजार गतिविधियों को छोड़ दिया जाए, तो इस तिमाही में 43.4 करोड़ डॉलर मूल्य के 58 सौदे हुए, जो पिछली तिमाही की तुलना में मात्रा में 35 प्रतिशत और मूल्य में 61 प्रतिशत कम है।
रिपोर्ट कहती है कि दूसरी तिमाही में हुए बदलाव से पता चलता है कि अधिक संतुलित बाजार में छोटे, मूल्य-आधारित लेनदेन के प्रति निवेशकों की रुचि दोबारा बढ़ी है।
भाषा अनुराग अजय
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