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श्रीनगर, 16 जुलाई (भाषा) जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने बुधवार को कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए उस पत्र का स्वागत किया, जिसमें केंद्र-शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की गई है।
केंद्र-शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम ऐसी कोई मांग नहीं कर रहे, जिसका हमसे वादा नहीं किया गया।’’
उमर ने जम्मू में एक समारोह के दौरान संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय से केंद्र को बहुत पहले निर्देश मिल चुका है।
उमर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त रूप से लिखे पत्र पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से संसद के आगामी मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक लाने का आग्रह किया गया है।
उमर ने कांग्रेस नेताओं द्वारा मोदी को लिखे गए पत्र के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘यह बहुत अच्छी बात है। हम इस दिन का इंतजार कर रहे थे, जब विपक्ष संसद और दिल्ली में अपनी आवाज उठाए। मैं खरगे और राहुल का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने केंद्र के समक्ष राज्य का दर्जा बहाल करने का मुद्दा उठाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी कोई मांग नहीं कर रहे, जिसका हमसे वादा नहीं किया गया। संसद के भीतर और बाहर, उच्चतम न्यायालय में और सार्वजनिक समारोहों में हमसे बार-बार वादा किया गया कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।’’
उमर ने कहा, ‘‘आपको याद होगा कि जब उच्चतम न्यायालय ने अपना आदेश (संविधान के अनुच्छेद-370 पर) पारित किया था, तो उसने जितनी जल्दी हो सके, राज्य का दर्जा बहाल करने का आह्वान किया था। हम कह रहे हैं कि जितनी जल्दी हो सके, बहुत पुरानी बात हो चुकी है और अब जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए।’’
मानसून सत्र के पहले दिन संसद का घेराव करने की कांग्रेस की कथित योजना के बारे में पूछे जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) नेता ने कहा, ‘‘हमने उनसे कोई बातचीत नहीं की है। हम उनसे बात करेंगे और देखेंगे कि हमें क्या करना है।’’
जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस पहल के लिए कांग्रेस नेताओं का आभार व्यक्त किया।
नेकां के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, ‘‘हम इसका स्वागत करते हैं और इस पहल के लिए कांग्रेस नेतृत्व को धन्यवाद देते हैं।’’उन्होंने कहा कि केंद्र-शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने में और देरी करने का कोई कारण नहीं है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रवक्ता मोहित भान ने कहा कि राज्य का दर्जा जम्मू-कश्मीर के लोगों का अधिकार है और इसे बहाल करने में पहले ही देरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राज्य का दर्जा देने की बात है, तो वह जम्मू-कश्मीर को दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने इसका वादा किया है और मुझे लगता है कि काफी समय बीत चुका है। जम्मू-कश्मीर को उसका राज्य का दर्जा वापस मिलना चाहिए।’’
हालांकि, भान ने कहा कि ‘असली लड़ाई’ संविधान के अनुच्छेद-370 और 35ए की बहाली के लिए है, जिसे केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
पीडीपी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमें इस बात से दुख होता है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी अनुच्छेद-370 और 35ए के बारे में बात करने से कतराते हैं। मुझे लगता है कि विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस की भूमिका अनुच्छेद-370 और 35ए पर आवाज उठाने की है।’’
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक कर्रा ने मोदी को पत्र लिखने के लिए पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं माननीय नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत शामिल करने का आह्वान किया है।’’
भाषा धीरज पारुल
पारुल