मुंबई, 16 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार के एक मंत्री ने बुधवार को कहा कि पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए पुलिस सत्यापन के वास्ते मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) केंद्र द्वारा तैयार की जाती है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार उन नागरिकों की समस्याओं पर विचार करेगी जिनके आवासीय भवनों का पुनर्विकास किया जा रहा है।
विधानसभा में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने कहा कि पासपोर्ट के लिए पते का सत्यापन राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है तथा इसमें आवेदक की पहचान और आपराधिक मामलों, यदि कोई हों तो, समेत आवेदन में दिए गए विवरण शामिल होते हैं।
विदेश यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए पुलिस सत्यापन आवेदक के आवासीय पते पर किया जाता है और पुरानी इमारतों के पुनर्विकास से ऐसी इमारतों में रहने वाले लोगों के निवास स्थान में अस्थायी परिवर्तन होता है।
मनीषा चौधरी (भाजपा) ने बताया कि मुंबई में कई आवासीय सोसाइटियों ने पुनर्विकास का विकल्प चुना है, ऐसे में अस्थायी रूप से कहीं और रह रहे उनके निवासी पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जो पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए एक आवश्यक शर्त है।
कदम ने इस बात पर ज़ोर दिया कि विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाले इस प्रमुख दस्तावेज़ के लिए आवासीय पते का सत्यापन राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।
मंत्री ने जवाब दिया, ‘‘किसी व्यक्ति का आपराधिक इतिहास (यदि कोई हो) भी जांचना जरूरी है।’’
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट आवेदन में अस्थायी और स्थायी, दोनों पतों का उल्लेख करने का प्रावधान है।
अमीत साटम (भाजपा) ने जवाब पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें संदेह है कि आवेदन पत्र में दोनों पतों के लिए कोई प्रावधान है या नहीं।
मंत्री ने विधानसभा में कहा कि पासपोर्ट डेटा का इस्तेमाल उन लोगों का पता लगाने के लिए किया जाता है जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया है, इसलिए इसका सटीक होना ज़रूरी है।
कदम ने आश्वासन दिया,‘‘यदि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं किया जाता है और नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो इसकी जांच की जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए किराये की रसीद को आवासीय पते का प्रमाण माना जाता है।
भाषा राजकुमार प्रशांत
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