27.6 C
Jaipur
Thursday, July 17, 2025

कपड़े, पासपोर्ट से लेकर पालतू जानवर तक सफर के दौरान भूल जाते हैं भारतीय : रिपोर्ट

Newsकपड़े, पासपोर्ट से लेकर पालतू जानवर तक सफर के दौरान भूल जाते हैं भारतीय : रिपोर्ट

मुंबई, 16 जुलाई (भाषा) भारत के 40 प्रतिशत से अधिक लोग सफर के दौरान अपना सामान भूल जाते हैं जिनमें कपड़े, गहने एवं पासपोर्ट से लेकर पालतू जानवर तक शामिल हैं। एक रिपोर्ट में यह दिलचस्प आंकड़ा सामने आया है।

ऑनलाइन यात्रा मंच बुकिंगडॉटकॉम और वैश्विक बाजार शोध कंपनी यूगॉव की एक रिपोर्ट बताती है कि यात्रा के दौरान सबसे अधिक लोग कपड़े भूल जाते हैं। करीब 42 प्रतिशत यात्री अपने मोजे, शर्ट या टॉप भूल जाते हैं।

इसके बाद ईयरफोन, चार्जर या पावर बैंक जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का स्थान आता है जिनका अनुपात 37 प्रतिशत है। वहीं 36 प्रतिशत यात्री साबुन, टूथपेस्ट और कंघी जैसी चीजें भूलते हैं तो 30 प्रतिशत लोग चश्मा और 22 प्रतिशत लोग अपने गहने एवं घड़ियां भी अक्सर पीछे छोड़ देते हैं।

रिपोर्ट कहती है कि भारतीय यात्री कुछ अजीबोगरीब चीजें भी यात्रा के दौरान भूल जाते हैं। इनमें पासपोर्ट या पहचानपत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज (17 प्रतिशत), बालों का विग (15 प्रतिशत) और पालतू जानवर (12 प्रतिशत) भी शामिल हैं।

यात्रा पर रवाना होने के पहले सामान को पैक करते समय भी भारतीय यात्री कई जरूरी सामान लेना भूल जाते हैं। इनमें फोन चार्जर या एडेप्टर (35 प्रतिशत), टूथब्रश या टूथपेस्ट (33 प्रतिशत), दवाएं (29 प्रतिशत) और ईयरफोन (28 प्रतिशत) शामिल हैं।

इनके साथ ही छाते (26 प्रतिशत), धूप के चश्मे (25 प्रतिशत) और महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज (21 प्रतिशत) को पैक करना भी लोग भूल जाते हैं।

सफर के दौरान खाने-पीने की पसंदीदा चीजों में सूखे नमकीन, खाखरा और बिस्कुट (54 प्रतिशत) हैं। इसके बाद सूखे मेवे (41 प्रतिशत) और चॉकलेट, कैंडी या मिंट (39 प्रतिशत) का भी स्थान है।

लगभग 37 प्रतिशत भारतीय यात्रियों को सफर पर घर का बना खाना लेकर जाना पसंद है जबकि 33 प्रतिशत लोग कॉफी और चाय के पैकेट भी लेकर चलते हैं।

बुकिंगडॉटकॉम के क्षेत्रीय प्रबंधक (दक्षिण एशिया) संतोष कुमार ने कहा, ‘‘यह देखना दिलचस्प है कि भारतीय यात्री अपनी यात्राओं के दौरान सुविधा को सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ किस तरह जोड़ते हैं। पैकिंग की अजीबोगरीब आदतें और चीजों को भूल जाना आम बात है लेकिन ये आदतें घर के आराम और स्थानीय अनुभवों दोनों के साथ एक गहरे भावनात्मक संबंध को भी दर्शाती हैं।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles